हरिद्वार। जिला प्रशासन द्वारा अब जिले के किसानों को केमिकल फ्री खेती की ओर प्रेरित करते हुए हाइड्रोपोनिक तकनीक अपनाने पर बल दिया जा रहा है। जिसके तहत मिट्टी की जगह अब पानी पर केमिकल फ्री खेती की जाएगी, जो पैदावार में कई गुना की बढ़ोतरी कर किसानों की आय बढ़ाएगी। इस बात की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि हाइड्रोपोनिक तकनीक से पॉलीहाउस के क्लस्टर में केमिकल फ्री खेती की जाएगी और इसके साथ हाईटेक नर्सरी के माध्यम से किसानों द्वारा किसानों के लिए उच्च गुणवत्ता की पौंध तैयार करवाई जाएगी।

हाइड्रोपोनिक तकनीक पर विस्तार से जानकारी देते हुये जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि हाइड्रोपोनिक एक ग्रीक शब्द है, जिसका मतलब है, बिना मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिए खेती। यह एक आधुनिक खेती है, जिसमें पानी का इस्तेमाल करते हुए जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के प्रथम फेस में सीमांत जोत वाले 150 से अधिक किसान परिवारों को इस तकनीक का लाभ जिला प्रशासन देना चाहता है।

ये होगा किसानों को लाभ
उन्होंने बताया कि इस तकनीक से लाखो की संख्या में जो पौध तैयार होगी, उसके कई अन्य फायदे भी किसानों को होंगे जिसमे फसल की पैदावार में कई गुना की बढ़ोतरी, सालाना अतिरिक्त फसल चक्र, प्रबंधन उत्कृष्टता, उत्पादन में निरंतरता, पैदावार का पर्यावरण को संरक्षित करते हुए केमिकल मुक्त करना,किसानों की आय व आजीविका में सुधार करना, उपज का उचित मार्जिन के साथ बाजार की डिमांड सप्लाई साइकिल में प्रवेश करना आदि।
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगी ये तकनीक
जिलाधिकारी ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से केमिकल फ्री रेड लेट्स, बर्गर टोमाटो, ब्रोकली, रेड बेलपेपर, येलो बेलपेपर आदि फसलें अथवा पौध की पैदावार की जाएगी,जो विटामिन,एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स और प्रोटीन से भरपूर होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की मार्केटिंग की समस्या को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को एक तकनीकी एक्सपर्ट रेड ओटर फॉर्म के समृद्ध फॉर्म मॉडल से जोड़ा जाएगा। इससे इच्छुक किसानों को फार्मर एक्सपोजर विजिट प्रोग्राम के माध्यम से नैनीताल जिले में पिछले महीनों से चलित समृद्ध फॉर्म के हाइड्रोपोनिक क्लस्टर का भ्रमण अथवा प्रशिक्षण एनजीओ के माध्यम से करवाया जाएगा ।
उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी नैनीताल जनपद में भी एक हाइड्रोपोनिक का केमिकल फ्री क्लस्टर विकसित करके आए है, जो आज किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है