जिस युवक की मौत का मातम मना रहा था परिवार, वो 08 दिन बाद आया पुलिस गिरफ्त में

कर्ज में डूबे युवक ने खुद रची स्वयं के किडनैपिंग की कहानी


हरिद्वार।
जिस युवक की मौत का परिजन मातम मना रहे थे वहीं युवक आठ दिन बाद सकुशल घर लौट आया। युवक ने कर्ज में डूबने के कारण अपने अपहरण की कहनी का ताना-बाना स्वंय बुना था। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपित का चालान कर दिया है।


जानकारी के मुताबिक नगर कोतवाली पुलिस को 1 अप्रैल को रवि कश्यप पुत्र प्रीतम सिंह निवासी कस्बा गंगोह मौहल्ला गुजरान जिला सहारनपुर उप्र ने अपने दामाद अजीत कश्यप पुत्र राकेश कुमार का अपनी दुकान भगत जी चाट भण्डार रानीपुर मोड से अपने घर के लिये निकलना के बाद वापस ने लौटने पर गुमशुदगी दर्ज करायी थी।


युवक की तलाश के लिए पुलिस ने पांच टीमों का गठन किया। पुलिस ने घटनास्थल से लेकर थाना क्षेत्र के व थाना क्षेत्र से बाहर के रोडवेज बस अड्डा, रेलवे स्टेशन समेत तमाम स्थानों के व ऋषिेकेश तक 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे चैक कर सर्विलांस की मदद ली। जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी में गुमशुदा अजीत का अपनी गाडी को रुडकी में स्वंय खडा कर गायब होना व बस से ऋषिकेष जाने की फुटेज मिली। जिसपर पुलिस ने गुमशुदा की जानकारी लेते हुए ऋषिकेश से गुमशुदा को सकुशल बरामद कर लिया।


पूछताछ में आरोपित अजीत कश्यप उम्र 28 वर्ष पुत्र राकेश कुमार निवासी मौहल्ला कायस्त वार्ड देवबन्द जिला सहारनपुर उप्र ने बताया कि उसने देवबन्द के कुछ लोगांे के पैसे देने थे, जिस पर उसने अपने गायब होने की झूठी कहानी रचकर प्लान के मुताबिक रुड़की कोर कॉलेज के पास खाली पड़े प्लॉट पर बाइक खड़ी कर अपने दोस्त को फोन कर कुछ लोगों के उसके पीछे पड़े होने की बात कही और मोबाइल से सिम निकाल कर फेंक दिया था।


उसके बाद वह बस से ऋषिकेश जा पहुंचा और खुद नींद की गोली खाकर खुद को जहर खुरानी गिरोह का शिकार होने का ड्रामा किया। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने हरिद्वार से ऋषिकेश जाने की बस की टिकट बरामद करते हुए आरोपी के विरुद्ध 83 पुलिस एक्ट में कार्यवाही कर उसका चालान कर दिया।

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