हरिद्वार धर्म संसद ने हिन्दू समाज की पीड़ा को स्वर दिएः अच्युतानंद तीर्थ

हरिद्वार। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी के संरक्षण में और महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज की अध्यक्षता में बनी धर्म संसद संचालन समिति का स्वागत करते हुए इसे धर्म की रक्षा की ओर उठाया हुआ महत्वपूर्ण कदम बताया है। आज महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती,स्वामी अमृतानंद व स्वामी बलराम मुनि के साथ भूमापीठाधीश्वर दण्डिस्वामी अच्युतानंद तीर्थ, स्वामी राजराजेश्वराश्रम तथा अन्य वरिष्ठ संतों से मिलकर उन्होंने धर्म संसद पर उठे विवाद पर अपना पक्ष रखा।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने वरिष्ठ संतों को बताया कि धर्म संसद का उद्देश्य केवल और केवल इस्लामिक जिहाद से सनातन धर्म और हिन्दू समाज को बचाना मात्र है।यह कार्य अगर संत नहीं करेंगे तो कौन करेगा? यति नरसिंहानंद गिरी का पक्ष जानने के बाद भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने उन्हें पूर्ण समर्थन और आशीर्वाद देते हुए कहा की वास्तव में आज पूरे विश्व मे हम हिन्दू ही सबसे ज्यादा पीडि़त हैं। हरिद्वार में हुई धर्म संसद ने हिंदुओं की पीड़ा को आवाज दी है। अब यह बात रुकने वाली नहीं है। अब हिन्दू नौजवान जाग रहे हैं और वो आगे बढ़कर धर्म और राष्ट्र की रक्षा करने में सक्षम हैं।
स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि विश्व के प्रत्येक जीव को आत्मरक्षा का अधिकार है।अगर हिन्दू आत्मरक्षा का प्रयास कर रहे हैं तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
वरिष्ठ संतो को यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने बताया कि भविष्य में धर्म संसद कर सुचारू संचालन के लिये महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज के संरक्षण में और महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरीकी अध्यक्षता में एक संचालन समिति बनाई गई है जिसके संयोजक स्वामी आनंदस्वरूप महाराज है। यह समिति इस्लाम के जिहाद से सनातन धर्म की रक्षा हेतु कार्य करेगी। इस समिति में देश के कई प्रसिद्ध धर्मगुरु हैं।
उन्होंने कहा कि इस संचालन समिति के बनने से उनका कार्य अब बहुत आसान हो गया है। अब वो संत समाज की मजबूती और हिन्दू समाज की जागृति के लिये एक विश्वव्यापी संगठन बनाने की दिशा में कार्य करेंगे जो जमीन पर ठोस कार्य करेगा।

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