हरदा की दवाब की राजनीतिः- हरीश रावत, गोदियाल व चारों कार्यकारी अध्यक्ष दिल्ली तलब

उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम हरीश रावत के ट्वीट के बाद प्रदेश कांग्रेस में खलबली मची हुई है। चुनावी माहौल में रावत के तैवरांे ने पार्टी में हलचल मचा दी है। वैसे हरीश रावत का पार्टी हाईकमान पर प्रेशर पॉलिटिक्स करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। हरीश रावत उत्तराखंड में अपने ही नेताओं और हाईकमान को समय-समय पर दबाव में लेते रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत और गणेश गोदियाल सहित पार्टी के चारों कार्यकारी अध्यक्षों को दिल्ली तलब किया है।
विदित हो कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत नाराज हो गए हैं। लेकिन हरीश रावत की राजनीति कई बार कांग्रेस के लिए भारी पड़ती भी दिखाई देती है। पार्टी हाईकमान समय-समय पर हरीश रावत के राजनीतिक स्टंट का शिकार हो जाते हैं। मौजूदा समय में भी कुछ इसी तरह की स्थिति दिखाई दे रही है। दरअसल, हरीश रावत ने पार्टी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव में सहयोग नहीं करने की बात कही है। सोशल अकाउंट पर अपने ट्वीट को लेकर चर्चाओं में आए हरीश रावत ने उत्तराखंड की राजनीति को तब और भी गर्म कर दिया जब उन्होंने क्षेत्रीय दल यूकेडी के नेताओं से मुलाकात की। हालांकि इस मुलाकात के बाद उनके पार्टी छोड़ने और तमाम दूसरी बातों को कहा जाने लगा। यह सब हरीश रावत की दबाव की राजनीति बतायी जा रही है। ऐसा कर वे अपने मनमाफिक टिकट करने के साथ ही खुद को चेहरा भी घोषित करवाना चाहते हैं। हरीश रावत ने इससे पहले भी कई बार पार्टी को असहज किया है।
अब चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी हाईकमान को दबाव में लेना शुरू कर दिया है और अपनी उम्र के लिहाज से वे अपनी आखिरी पारी मुख्यमंत्री के तौर पर खेलना चाहते हैं। लिहाजा अब यह दबाव आने वाले दिनों में पार्टी हाईकमान पर और भी ज्यादा बढ़ता हुआ दिखाई देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *