श्री तिलभाण्डेश्वर मंदिर से धूमधाम से निकाली गयी शिव बारात
हरिद्वार। महा शिवरात्रि पर्व पर तीर्थनगरी भोले के रंग में रंगी नजर आयी। हर ओर भोले के जयघोष के स्वर सुनायी दिए। इस अवसर पर जहां शिवालयों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा वहीं शिवालयों में कई प्रकार के आयोजन हुए। इसी कड़ी में कनखल स्थित श्री तिलभाण्डेश्वर मंदिर में भगवान शिव की बारात निकाली गयी। शिव बारात मंे भगवान शिव के गणों की झांकी विशेष आकर्षण का केन्द्र रही।

शिव बारात के शुभारम्भ से पूर्व गणेश पूजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए मंदिर के श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहाकि तीथनगरी कनखल के प्रत्येक कण में भगवान शिव का वास है। भगवान शिव की ससुराल होने के कारण यहां रहने वाला प्रत्येक जीव धन्य है। उन्होंने कहाकि आज दिन महा शिवरात्रि होने के कारण तो विशेष है ही साथ ही आज कुंभ मेले का प्रथम शाही स्नान भी है। इसके साथ ग्रहों का विशेष योग पड़ने से इस पर्व की महत्ता और बढ़ गयी है। उन्होंने कहाकि भगवान शिव दयालु हैं। अन्य देवताआंे की उपासना के लिए पदार्थों और विशेष प्रयत्न की आवश्यकता होती है किन्तु भगवान शिव तो एक लोटा जल मात्र से ही प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना को पूर्ण कर देते हैं। उन्होंने कहाकि जो श्रद्धा व विशेष प्रकार से भगवान शिव का अभिषेक पूजन करते हैं उनके जन्म जन्मातरों के पापों का क्षय हो जाता है। जो व्यक्ति महा शिवरात्रि पर रात्रि के चारों प्रहर में भगवान शिव की पूजा करता है। उसे शिव लोक की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहाकि संसार का आधार शिव और शक्ति ही है। इस कारण से प्रत्येक मनुष्य को भगवान शिव की आराधना अवयश् करनी चाहिए। इसके पश्चात भगवान शिव की बारात निकाली गयी। जो मंदिर प्रांगण से आरम्भ होकर शहर के प्रमुख मागों से होती हुए मंदिर प्रांगण पहुंचकर सम्पन्न हुई। शिव बारात में साधु संतों के अतिरिक्त झांकियां विशेष आकर्षण का केन्द्र रहीं।