धोखाधड़ी कर जमीन बेचने वाला नामी संत नेताओं के समक्ष गिडगिडाया

बैठक कर मामला निपटाने की लगायी गुहार, करोड़ों का लोगांे को लगा चुका है चुना
हरिद्वार।
बिना स्वामित्तव की करोड़ांे की जमीन बचेने वाले एक संत ने अब देश के एक बड़े संगठन के नेताओं के समक्ष गुहार लगायी है। संत ने नेताओं को फर्जीवाड़ा कर जमीन बेचने के मामले में घिरते जाने पर मदद मांगंते हुए कानूनी पचड़ो से निजात दिलाने और राजनैतिक व अन्य रूप से मदद की बात कही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 13 फरवरी की सुबह बड़े संगठन के पदाधिकारियों के साथ संत ने अपने मठ में बैठक की और फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की जमीन बेचने के मामले में कानूनी और सामाजिक रूप से फंसता हुआ देख बचाने की गुहार लगायी। बैठक में मौजूद पदाधिकारियों की संख्या तीन बतायी गयी है। हालांकि नेताओं ने क्या आश्वासन दिया इसका अभी पता नहीं चल पाया है। किन्तु इतना साफ है कि करोड़ों की जिस जमीन का संत मालिक नहीं है। दूसरे की जमीन फर्जी रूप से बचेने के मामले में उस पर शिकंजा कसता जा रहा है। इसी के चलते संत ने अपने आकाओं से मदद मांगी। सूत्र बताते हैं कि संत ने एक ही जमीन के टुकड़े को कई लोगों को बेच दिया। मामले का पटाक्षेप होने के बाद लोगों द्वारा अपना पैसा मांगने पर भी संत द्वारा आनाकानी की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि कोर्ट ने भी स्वामित्तव वाली संत की अपील को खारिज कर दिया है। बावजूद इसके जमीन बेचने का खेल जारी है। सूत्र बताते हैं कि जमीन की सौदेबाजी के कारण एक प्रापर्टी डीलर और संत के बीच विवाद चल रहा था। जिसे एक दूसरे संत ने अपने मठ में बुलाकर मिटिंग करायी और चार करोड़ देने पर सहमति बनी। जिसके बाद प्रापर्टी डीलर ने संत को चार करोड़ रुपये विगत माह दिए। जिसके बाद संत ने राहत की सांस ली। अब करीब आधा दर्जन प्रापर्टी डीलर संत के फर्जीवाड़े से परेशान होकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही मीडिया के माध्यम से संत की असलीयत समाज के सामने लाने की भी योजना तैयार की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि संत का चोला ओढ़े कालनेमी रूपी संत अब तक करीब 80 करोड़ से अधिक की जमीनों को फर्जी तरीके से बेच चुका है। संत की राजनैतिक पैठ का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि कोर्ट द्वारा संत को किसी भी प्रकार से स्वामित्तव होने से इंकार किया जा चुका है। बावजूद इसके जमीनों को बेचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

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