हरिद्वार। इंडियन रेडक्रॉस के तत्वाधान में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनीष दत्त के निर्देशन में इंडियन रेडक्रास सचिव डॉ नरेश चौधरी ने 31 यूके एनसीसी बटालियन के 570 एनसीसी केडिटस एवं उनके साथ आए हुए समस्त एनसीसी प्रभारियों को यूनिवर्सिटी ऑफ पतंजलि नेचुरोपैथी एंड योग साइंस औरंगाबाद (हरिद्वार) के सभागार में प्राथमिक उपचार देकर प्रशिक्षित किया।
प्रशिक्षण में डॉ नरेश चौधरी ने मानव शरीर रचना के सभी तंत्रों की विस्तृत जानकारी देते हुए प्रतिभागियों को आकस्मिक घटना घटित होने पर घायल व्यक्तियों को किस प्रकार प्राथमिक उपचार दिया जाए उन सभी का लाइव डिमॉन्सट्रेशन कराया गया। डॉ नरेश चौधरी ने प्रतिभागियों को केदारनाथ की 2013 की देवीय आपदा से हुई जनहानि पर विशेष रूप से जमीनी जानकारियां भी दी।
डॉ नरेश चौधरी ने कहा कि आपदा को समाप्त नहीं किया जा सकता अपितु न्यूनीकरण किया जा सकता है। इसलिए हमंे ज्यादा से ज्यादा जनसामाज को जागरूक कर फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर बनाने हैं। जो समय पर आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिक सहायता उपल्ब्ध कराएंगे और घायलों के बहुमूल्य जीवन को बचाकर जनहानि को भी कम से कम करने में सहायक सिद्ध हो पाएंगे। डॉ नरेश चौधरी ने सीपीआर का लाइव डिमॉन्सट्रेशन कराकर सभी को अभ्यास भी कराया, जिनसे सभी में सीपीआर देने में आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके और जरूरत पड़ने पर सभी फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर पीड़ितों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा कर सके।
प्रशिक्षण मंे रेडक्रास स्वयंसेवक शिवांशी, ट्रेनर श्रीमती पूनम ने भी प्रतिभागियों को प्राथमिक उपचार एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर मानव सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने के लिए संकल्पित किया। प्रशिक्षण में हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल के चार जनपदों के एनसीसी कैडेट्स को प्राथमिक उपचार से प्रशिक्षण कर फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर बनाया गया, जो कि उत्तराखंड के विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्र में मददगार साबित होंगे। कमान कर्नल विनय मल्होत्रा एवं प्रशासनिक अधिकारी कर्नल वीरेंद्र सिंह ने इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ नरेश चौधरी का एनसीसी कैडेट्स को प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण देने के लिए विशेष रूप से आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रशिक्षण में एनसीसी ऑफिसर डॉ पंकज कुमार, जगदीप उनियाल, उत्तम शर्मा, डॉ पवन, भूपेंद्र सिंह, भरत भूषण उनियाल, कार्तिक गर्ग, गोविंद सिंह आदि ने भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सक्रिय सहभागिता की।