उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नदिया उफान पर है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से नदियों के तट पर बसे क्षेत्रों एवं ग्रामीणों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई हैं। रविवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान (293 मीटर) के एकदम करीब पहुंच गया है। पानी बढ़ने से गंगा के नजदीक खेतों में खड़ी फसल जलमग्न हो गई हैं। कई गांवों के संपर्क मार्गों पर भी पानी भर गया है। जिसको देखते हुए प्रशासन भी एलर्ट हो गया है।
नदियों के जलस्तर बढ़ने से जहा एक ओर तटीय क्षेत्रों में पानी घुस गया, वहीं खेतों के जलमग्न होने से पशुओं के चारे की परेशानी भी बढ़ गई हैं। कई गांव के संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं। रविवार दोपहर को गंगा नदी 292.80 मीटर खतरे के निशान पर बह रही थी। किसानों ने बताया कि गंगा नदी में पहाड़ों का मटमैला पानी आ रहा है। पानी से गंगा के किनारे के आसपास के खेतों में खड़ी धान, गन्ना और चारे की करीब डेढ़ हजार बीघा फसल जलमग्न हो गई है।
किसानों के मुताबिक अगर जल्द ही पानी न उतरा तो फसल खराब होने का खतरा है। उधर, कलसिया, बालावाली, डुमनपुरी, पंडितपुरी सहित कई गांवों के संपर्क मार्गों पर भी एक से डेढ़ फीट पानी भर गया है। हालांकि पानी कम होने के कारण गांवों में ग्रामीणों की आवाजाही पर असर नहीं पड़ा है। प्रशासन ने गंगा व सोलानी के आसपास के तीस गांवों को अलर्ट कर दिया है।
भारी बारिश और गंगा का जल स्तर बढ़ने के बाद ढाढेकी, मोहम्मदपुर, मथाना, सहीपुर, याहियापुर, हस्तमौली, बहादराबाद, सोंपरी, गंगदासपुर, बालावाली, गिद्धावाली, डुमनपुरी, पंडितपुरी, ढाढेकी, मथाना, कुंआखेड़ा, मोहम्मदपुर, याहियापुर, आलमपुरा, माड़ाबेला, शेरपुर बेला, दल्लावाला, दाबकी खेड़ा, जोगावाला, चंद्रपुरी व नाईवाला गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।