प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर हुई धोखाधड़ी के तीन आरोपियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से एक लैपटॉप, 13 मोबाइल, 6 पासबुक, 4 सिम कार्ड इत्यादि समान बरामद किया गया है।
बता दें कि बीते कल एसटीएफ को सूचना मिली कि कुछ लोग प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के बारे में लोगों को फोन पर योजना का लाभ देकर लोन लेने के लिए कह रहे हैं। उनसे इंश्योरेंस के तौर पर 2000 रुपए और रिफंडेबल के रूप में आरटीजीएस के तहत 5000 रुपए से लेकर 10,000 रुपए तक की मांग कर रहे हैं। जिसके लिए क्यूआर कोड को व्हाट्सएप के माध्यम से भेज कर लोगों से धोखाधड़ी की जा रही है। सूचना पर एसटीएफ ने लोकेशन के आधार पर सहस्रधारा रोड अमित विहार कॉलोनी स्थित एक मकान में छापा मारकर मौके से एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया।
पकड़े गए आरोपियों का नाम निशांत शर्मा, टुनटुन कुमार व मेघा शर्मा बताए गए। इनके कब्जे से एक लैपटॉप 13 मोबाइल फोन, 6 पासबुक,4 सिम कार्ड व अन्य सामान बरामद किया गया है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया सबसे पहले आरोपियों द्वारा फेसबुक पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और मुद्रा लोन के बारे में विज्ञापन को अपलोड किया जाता था, फिर फर्जी नंबर से लोगों को कॉल कर लोगों को लोन के लिए इन नंबरों पर बात करते थे। आरोपी लोन लेने के इच्छुक व्यक्ति से उसका आधार कार्ड, बैंक डिटेल और छोटी मोटी संपत्ति की जानकारी मांगते थे. जब लोगों को यकीन हो जाता था कि उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लोन मिल जाएगा तो फिर आरोपी उनसे प्रोसेसिंग फीस और इंश्योरेंस के नाम पर पहले 2000 रुपए लेते थे, फिर उन्हें मैसेज किया जाता कि आपका लोन स्वीकृत हो चुका है।
लोन की किश्त की देने की एवज में उन लोगों से 5,200 रुपए से लेकर 10,200 रुपए तक रिफंडेबल पेमेंट बताकर फर्जी मोबाइल नंबरों के व्हाट्सएप से क्यूआर कोड भेज कर धोखाधड़ी की जाती थी। फिर लोन लेने वाले को बताते थे कि रिफंड 45 दिन बाद वापस होगा। फिर कुछ समय बाद अपने नंबर बदल देते थे। इतना ही नहीं ये लोग धोखाधड़ी से हासिल धनराशि को कुछ गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर उनसे फर्जी खाते खुलवाए जिनमे ये रकम डाली। उन खातों के एटीएम और पासबुक ये अपने पास रख लेते थे।