भोजन के बाद रोजाना 30 मिनट बाद सौंफ लेने से कॉलेस्ट्रोल काबू में रहता है।
पांच-छह ग्राम सौंफ लेने से लीवर और आंखों की रोशनी ठीक रहती है। अपच संबंधी विकारों में सौंफ बेहद उपयोगी है। बिना तेल के तवे पर सिकी हुई सौंफ और बिना तली सौंफ के मिक्चर से अपच होने पर बहुत लाभ होता है।
दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से अपच और कफ की समस्या समाप्त होने में मदद मिलती है।
अस्थमा और खांसी के उपचार में भी सौंफ का सेवन सहायक है।
कफ और खांसी होने पर भी सौंफ खाना फायदेमंद होता है।
गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होने लगते है।
यह शिशुओं के पेट और उनके पेट के अफारे को दूर करने में बहुत उपयोगी है।