भगवाधारी चाचा और पेंटधारी भतीजे का भगवाधारियों में खौफ

हरिद्वार। भगवाधारी चाचा, पेंट पहनने वाले भतीजे के साथ मिलकर भगवाधारियांे के बीच अपना खौफ मचाए हुए है। जिस कारण से कुछ भगवाधारी चाहते हुए भी चाचा के खिलाफ आवाज उठाने से डरते हैं। यही कारण है की पेंट धारी भतीजे के कारण चाचा अपनी दादागिरि भगवाधारियों के बीच फैलाए हुए हैं।


एक अखाड़े के वरिष्ठ संत ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक अखाड़े का वरिष्ठ संत अपने भतीजे की गुडागर्दी के बल पर संतों में आतंक मचाए हुए हैं। संत का तो यहां तक आरोप था कि संतों के साथ होने वाले विवाद और उनसे निपटने के लिए भगवाधारी बाबा अपने भतीजे का इस्तेमाल करता है। यहां तक की हथियार की जरूरत पड़ने पर चाचा भतीजे की मदद लेता है।


संत के मुताबिक कई वर्षों पूर्व एक संत के गायब होने में भी भगवाधारी चाचा का हाथ था। जिसमें भतीजे ने चाचा की पूरी मदद की थी। अपनी दबंगई को बढ़ाने के लिए चाचा ने भतीजे को भी भगवा पहनाने की पूरी तैयारी कर ली थी। एक अखाड़े में चाचा ने भतीजे की एंट्री कराने का इंतजाम भी कर लिया था, किन्तु अखाड़े में चाचा की कारगुजारियों के चलते भतीजे का जमकर विरोध वहां के संतों ने किया और चाचा-भतीजे को निराश होना पड़ा था।


वहीं संत के मुताबिक हाल ही में हए झगड़े में भी चाचा की बड़ी भूमिका रही है। चाचा की गतिविधियों के कारण चाचा पर अब शिकंजा कसने की पूरी तैयारी संतों और प्रशासन के द्वारा की जा चुकी है। यही कारण है कि अब चाचा और चाचा का गुर्गा मिमियाते हुए अपने को श्रेष्ठ संत साबित करने में तुले हुए हैं। फिलहाल चाचा का भतीजा तीर्थपुरोहितों के गुमाश्ते जैसा कार्य करता है।


संत के मुताबिक चाचा की धींगामस्ती के कारण चाचा पर लगाम कसने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। और चाचा ने जो लोगों की जमीनों पर कब्जा किया हुआ है उसकी वापसी की प्रक्रिया के लिए भी कार्यवाही का शुभारम्भ किया जा चुका है। जिसके चलते चाचा का बचना मुश्किल है। संत के मुताबिक चाचा के बचने का केवल एक ही उपाय है की वह गुडागर्दी छोड़ साधु की भांति अपना आचरण करे।

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