हरिद्वार में एफ.डी.ए. की बड़ी कार्रवाई, 20 नमूने उठाए

प्रतिबंधित कफ सिरप पर चला प्रशासन का डंडा, दोषी पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

विनोद धीमान

हरिद्वार। राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद अब उत्तराखंड सरकार सख्त हो गई है। राज्य के अपर आयुक्त के आदेश पर हरिद्वार में एफ.डी.ए. (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) की टीम ने शनिवार को जबरदस्त कार्रवाई करते हुए फार्मा कंपनियों, मेडिकल स्टोर्स और CMSD स्टोर्स पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस अभियान में कुल 20 दवाओं के नमूने लिए गए, जिनमें बच्चों को दी जाने वाली कफ सिरप भी शामिल हैं।

अभियान की अगुवाई सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने की, जबकि टीम में ड्रग इंस्पेक्टर मेघा आनंद, हरीश और सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) के अधिकारी शामिल रहे।
निरीक्षण के दौरान टीम ने श्रेया फार्मा (भगवानपुर), किम Laboratories (मखनपुर) और ओमेगा फार्मा जैसी प्रमुख कंपनियों के प्लांट्स और स्टोर्स की गहन जांच की।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अगर किसी भी दवा के नमूने में दोष या प्रतिबंधित तत्व पाए गए तो संबंधित कंपनी पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी और दवा को तुरंत बाजार से हटा दिया जाएगा।

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, एफ.डी.ए. डॉ. आर. राजेश कुमार ने जिले के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों (CMO) को आदेश दिए हैं कि

भारत सरकार की एडवाइजरी का पालन हर हाल में कराया जाए,औषधि निरीक्षक नियमित निरीक्षण करें,दोषपूर्ण दवा मिलते ही उसे बाजार से तुरंत हटाया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो।

डॉ. कुमार ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बच्चों की जान से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार की प्राथमिकता बच्चों की सुरक्षा है, और इसमें लापरवाही करने वालों को सख्त सजा मिलेगी।

एफ.डी.ए. ने डॉक्टरों से भी अपील की है कि वे प्रतिबंधित कफ सिरप का पर्चा न लिखें और केवल सुरक्षित, अनुमोदित दवाओं का ही उपयोग करें।
साथ ही जनता से आग्रह किया गया है कि अगर कहीं संदिग्ध दवा या स्टोर दिखे तो उसकी सूचना तुरंत एफ.डी.ए. को दें — ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके।

“बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं” – अनीता भारती

कार्रवाई का नेतृत्व कर रहीं सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कहा कि हरिद्वार जिले में फार्मा कंपनियों, मेडिकल स्टोर्स और CMSD स्टोर्स पर सघन निरीक्षण लगातार जारी रहेगा। बच्चों और मरीजों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। दोषपूर्ण दवा मिली तो सीधी कार्रवाई होगी।

उन्होंने बताया कि एफ.डी.ए. का यह अभियान सिर्फ औपचारिक निरीक्षण नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हरिद्वार जिले में बिकने वाली हर दवा सुरक्षित और मानकों के अनुरूप हो।

मुख्यमंत्री धामी की सख्त चेतावनी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दोषपूर्ण दवा बनाने या बेचने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि जब तक बाजार में बिकने वाली हर दवा की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती, तब तक छापेमारी और सैंपलिंग अभियान जारी रहेगा।

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