नंदा गौरा योजना में फर्जी आय प्रमाण पत्र के 193 मामले, डीएम ने दिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश

हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन को नंदा गौरा योजना के प्रथम तथा दितीय चरण के अन्तर्गत आवेदनकर्ताओं द्वारा फर्जी आय प्रमाण पत्र संलग्न कर योजना में फर्जी तरीके से लाभ प्राप्त करने की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इनका संज्ञान लेते हुये मुख्य विकाास अधिकारी प्रतीक जैन ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को आय प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे।


मुख्य विकास अधिकारी को शनिवार को विकास भवन रोशनाबाद में जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल ने आय प्रमाण पत्रों की जांच के लिये दिये गये निर्देशों के क्रम में जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 में नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत जनपद में प्रथम चरण-बालिका के जन्म पर, कुल 1328 आवेदन पत्र प्राप्त हुये, जिनके प्रमाण पत्रों की जांच में 70 आवेदन पत्र आय प्रमाण पत्र की दृष्टि से फर्जी पाये गये।
इसी तरह नन्दा गौरा योजना के ही द्वितीय चरण इण्टर पास के अन्तर्गत कुल 4174 आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे, जिनकी जांच करने पर 123 ऐसे आवेदन पत्र पकड़ में आये, जिनके आय प्रमाण पत्रों में छेड़छाड़ की गयी थी। इस प्रकार नन्दा गौरा योजना के प्रथम तथा द्वितीय दोनों चरणों के आवेदनों की गहनता से जांच करने पर कुल 193 आय प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये, जिसके कारण ऐसे आवेदनों को निरस्त कर दिया गया।


मुख्य विकास अधिकारी ने इस मामले की जानकारी जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को दी, जिन्होंने तुरन्त ऐसे आवेदनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुये एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये।
प्रतीक जैन ने आय प्रमाण पत्रों में इस तरह के फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे उनके विभागों की जो भी इस तरह की जनहितपरक योजनायें गतिमान हैं, उनमें विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत प्रमाण के तौर पर संलग्न किये जाने वाले प्रमाण पत्रों-आय, जाति, स्थाई निवास आदि की अच्छी तरह से जांच-परख कर लें अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारी द्वारा लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।


मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि उन्हें कई स्रोतों से यह भी जानकारी मिली है कि कतिपय कॉमन सर्विस सेण्टर द्वारा सरकारी योजनाओं के लिये जारी किये गये विभिन्न प्रमाण पत्रों में हेराफेरी करके जरूरत के अनुसार उनमें बदलाव किया जा रहा है, जो गैर-कानूनी की श्रेणी में आता है, ऐसे सीएससी जो इस तरह के कृत्य में लिप्त पाये जायेंगे, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जायेगी।

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