गोल्ड लोन के लिए नकली सोना गिरवी रख बैंक को लगाते थे चूना, दो गिरफ्तार

बैंक ऑफ बड़ौदा व केनरा बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर गोल्ड लोन लेने के मामलों का बड़ा खुलासा हुआ है। बैंक ऑडिट के दौरान बंधक रखे गए आभूषणों के नकली पाए जाने पर संबंधित थानों में मुकदमे दर्ज किए गए थे।


28 मई 2025 को पुलिस टीम ने पं. दीनदयाल उपाध्याय पार्क, नैनीताल रोड, हल्द्वानी से दो अभियुक्तों अभिषेक सिंह नेगी व पवन सिंह फर्सवाण को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 06 अदद, कुल वजन लगभग 111 ग्राम की नकली सोने की व कूट रचित होलोग्राम लगी चूडि़यां बरामद की गईं। परीक्षण के बाद ये चूडि़यां पूरी तरह नकली पाई गईं।


पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जिसमें अल्मोड़ा और दिल्ली के कई अन्य सदस्य शामिल हैं। गिरोह दिल्ली से बेहद सस्ते दामों पर नकली सोना खरीदता है, उस पर फर्जी हॉलमार्क लगवाकर बैंकों में गिरवी रख देता है। जिन बैंकों में सोने की गुणवत्ता की कड़ी जांच नहीं होती, वहां से ये लोग आसानी से गोल्ड लोन प्राप्त कर लेते हैं और फिर लोन की रकम आपस में बांट लेते हैं।


गिरफ्तार अभिषेक सिंह नेगी उर्फ अक्कू, पुत्र केसर सिंह, निवासी ग्राम बसौली, थाना सोमेश्वर, जिला अल्मोड़ा (उम्र 37 वर्ष) पर विभिन्न बैंकों से लगभग 60-70 लाख रुपये के प्रॉपर्टी, व्हीकल और गोल्ड लोन लिए जाने की बात भी प्रकाश में आई है, जिसकी जांच की जा रही है। दूसरा आरोपी पवन सिंह फर्सवाण, पुत्र श्री दरवान सिंह, निवासी ग्राम लीली, थाना कपकोट, जिला बागेश्वर (उम्र 24 वर्ष) है।


हल्द्वानी, बनभूलपुरा और मुखानी थानों में पूर्व में दर्ज छह फर्जी गोल्ड लोन के मामलों में अजहर वारसी, जोया अहमद, तरुण भारद्वाज, हरजिन्दर नरुला व मोहम्मद फिरोज नामक नामजद हैं। इन सभी से भी इस प्रकरण में संबंधितता की जांच की जा रही है।पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इन फर्जी गोल्ड लोन मामलों में बैंक द्वारा सोने की गुणवत्ता की जांच के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया गया और क्या इसमें बैंक के किसी कर्मचारी की संलिप्तता रही है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा तथा प्रकरण की जांच जारी है।

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