हिंदी भाषा के संवर्धन के लिए डीपीएस में गतिविधि का आयोजन

मस्ती कब हानिकारक हो सकती है विषय पर हुई परिचर्चा
हरिद्वार।
गुरुवार को डीपीएस दौलतपुर में हिंदी भाषा संवर्द्धन के अंतर्गत कक्षा आठवीं के छात्रों के लिए जीवन मे मस्ती कब हानिकारक हो सकती है विषय पर परिचर्चा की गई। जिसमें बच्चों ने अपने-अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर साई करुणा ने कहा कि जीवन मे मस्ती अवश्य होनी चाहिए, लेकिन कभी कभी यह हमारे लिए हानिकारक हो जाती है। साई करुणा ने कहा कि परीक्षाओं के दौरान मस्ती हानिकारक हो सकती है क्योंकि इस दौरान मस्ती पढ़ाई से हमारा ध्यान भटकाती है जिस कारण आशातीत परिणाम नहीं मिल पाता। वैष्णवी गुप्ता में कहा कि अस्पताल में अधिक मस्ती नुकसान का कारण बन सकती है। अस्मित श्रीवास्तव ने भी अधिक मस्ती को जीवन की प्रगति में बाधक बताया। कुछ छात्रों ने अनुशासन तोड़कर की गई मस्ती को गलत बताया। छात्रों ने कहा कि हमें घर और विद्यालय में अनुशासन तोड़कर कभी भी मस्ती नहीं करनी चाहिए क्योंकि अनुशासन ही सही ढंग से नैतिक गतिविधियों की बेहतरी के लिए वो हथियार है जिसके बिना व्यक्तित्व का सही विकास संभव नहीं है। हिंदी शिक्षिका रीता प्रजापति ने बताया कि इस गतिविधि का उद्देश्य छात्रों के वाचन कौशक में वृद्धि कर उनकी अभिव्यक्ति क्षमता का विकास करना है।

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