हरिद्वार। एक समय था जब संत की संगति सज्जन पुरूषों के साथ हुआ करती थी, किन्तु आज के संत कुख्यातों से दोस्ती कर अपना उल्लू सीधा करने का काम कर रहे हैं। भगवाधारण किए कालनेमि किसी की सम्पत्ति कब्जाने व दलाली में भी पीछे नहीं हैं। यही कारण है कि आम आदमी कालनेमियों के कारण असली संतों से दूर होता जा रहा है। हरिद्वार के एक ऐसे ही कालनेमि द्वारा एक प्रापर्टी डीलर को एक कुख्यात से धमकी दिए जाने का मामला सूत्रों द्वारा प्रकाश में आया है। धमकी मिलने के बाद से प्रापर्टी डीलर डरा और सहमा हुआ है। अपना काफी धन लगाने के बाद भी वह कालनेमि के प्रभुत्व के आगे चुपचाप है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कनखल के एक प्रापर्टी डीलर ने एक धार्मिक सम्पत्ति में कुछ पूंजी इन्वेस्ट की हुई है। जहां होटल का निर्माण होना है। इस प्रापर्टी डीलर और संत बने कालनेमि की भी काफी समय से उससे अच्छी-खासी दोस्ती है। सूत्र बताते हैं कि जिस होटल का निर्माण किया जाना है उस सौदे में कालनेमि का रूप धारण किए वरिष्ठ संत की हिस्सेदारी है।
सूत्र बताते हैं कि धमकी का मामला तब शुरू हुआ जब कनखल की एक सम्पत्ति को हरिद्वार के प्रापर्टी ने खरीद लिया। जमीन का पैसा देने के बाद भी उसको कब्जा नहीं दिया गया। इस संबंध में उसने प्रभुत्व दिखाकर लोगों को ठगने वाले संत से अपने पैसे वापस करने की गुहार लगायी तो उसने कनखल वाले प्रापर्टी डीलर पर मामला टाल दिया। प्रापर्टी डीलर इधर-उधर घुमता रहा किन्तु उसे न तो जमीन का टुकड़ा मिला और न ही उसका पैसा। इसी बीच तीनों के बीच बैठक भी हुई, किन्तु कोई हल नहीं निकल सका। जिसके बाद मामला बढ़ता देख संत ने अपनी दोस्ती का इस्तेमाल किया और एक बड़े बदमाश से प्रापर्टी डीलर को धमकी दिलायी। जिसके बाद से प्रापर्टी डीलर सहमा हुआ है। बदमाश और संत के रसूख के आगे प्रापर्टी डीलर की हालत खराब है। उसे पैसा देने के बाद न तो जमीन मिली और न ही उसका पैसा, उल्टा संत के कारण बदमाशों की धमकी के जाल मंे फंस गया है।