ईलू-ईलू के चलते अधिकारी कलमकार पर मेहरबान!

हरिद्वार। कथित पत्रकारों और कुछ अधिकारियों के गठजोड़ के कारनामे अब उजागर होने लगे हैं। अधिकारियों की शह पर ही ब्लैकमेलर पत्रकारों के हौंसले बुलंद हैं। कुछ अधिकारी पैसा कमाने के लिए शह दे रहे हैं तो कुछ चमड़ी का स्वाद चखने के लिए इनकी वंदना कर रहे हैं। जिस कारण से आम जनता परेशान है और ब्लैकमेलरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती। जिस कारण से ऐसे लोगों के हौंसले बुलंद हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक अधिकारी और एक कथित पत्रकार के बीच काफी समय से ईलू-ईलू का खेल चल रहा है। इसी ईलू-ईलू के खेल के कारण अधिकारी पत्रकार पर और पत्रकार अधिकारी पर मेहरबानी बनाए हुए है।


वैसे यह निजी मामला है। कोई किसी से भी ईलू-ईलू कर सकता है, किन्तु पद पर रहते हुए मर्यादा जरूरी बतायी गयी है। वैसे ब्लैकमेंलिंग का खेल खेलने वाले वास्तव में पत्रकार नहीं हैं। बस पत्रकार का तंमगा भर लगाए घूमते हैं। न तो इन्हें पत्रकारिता से मतलब है और न ही समाचारों और समाजिक सरोकारों से इनका कोई वास्ता। इनका तो केवल एक ही ध्येय है पैसा। इस पैसे की लालच में ये अपना ईमान तक बेचने को तैयार रहते हैं।

सूत्र बताते हैं कि एक अधिकारी और एक पत्रकार के बीच इन दिनों ईलू-ईलू खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। मजेदार बात यह कि कहीं भी कोई घटना हो दोनों के बीच चल रहे ईलू-ईलू के कारण सबसे पहले ब्लैकमेलर पत्रकार को सूचना मिलती है और अधिकारी की कृपा के चलते ये पत्रकार अधिकारी से पूर्व घटना स्थल पर मौजूद होता है। वहीं फिर शुरू होता है सैटिंग-गैटिंग का खेल।


मामले को दबाने के लिए अधिकारी पत्रकार की दुहाई देता है और पत्रकार अधिकारी की। कुल मिलाकर दोनों मिलकर आम आदमी को शोषण करने का कार्य करते हैं। मामला दबा रहे इसके लिए अधिकारी पत्रकार को भेंट पूजा देकर मामले को निपटाने की बात कहकर अपना उल्लू सीधा करने का भी काम कर रहे हैं। वैसे पत्रकार की अधिकारी के घर तक दस्तक बतायी जा रही है। आखिर हो भी क्यों न जब मामला ईलू-ईलू का है। वैसे भी जंग और प्यार में सब कुछ जायज बताया गया है।

अब देखना दिलचस्प होगा की दोनों के बीच का यह ईलू-ईलू कितना परवान चढ़ता है। अधिकारी के ट्रांसफर के बाद भी क्या ईलू-ईलू का खेल जारी रह पाएगा। वैसे चर्चा यह भी है की दोनों साथ जीने-मरने की कसम तक खाने की राह तक पहुंच चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि यह कसमें, वादे, ईलू-ईलू और सब तब तक है, जब तक पैसों की प्राप्ति हो रही है। उसके बाद तू कौन वाला खेल ही होना है।

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