कम पानी पीने वालों के लिए पेशाब में जलन विकट समस्या है। पेशाब में जलन का रोग स्त्रियों में बहुत अधिक पाया जाता है। लेकिन आज के युग में यह पुरुषों में भी होने लगा है। पेशाब में जलन का यह रोग यूरिनरी सिस्टम में संक्रमण का लक्षण है। इसकी आरंभिक अवस्था में सरल घरलू उपचारों की सहायता से पेशाब में जलन के रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।
यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन की परेशानी बहुत सी महिलाएं ग्रस्त हैं। एक यह आम समस्या बनी है। क्योंकि उनकी शारीरिक संरचना घ्सी होती है कि स्टूल डिस्चार्स के समय जो भी बैक्टीरिया शरीर से बाहर आता है, वह बडी आसानी से यूरिनरी ट्रैक या पेशाब की नली की दीवारों से चिपक सकता है और इन्फेक्शन पैदा करने लगता है। अगर सही वक्त पर इलाज न किया जाए तो यह संक्रमण ब्लैडर और किडनी तक पहुंच जाता है। यूरिन में जलन और यूरिन में बदबू आना साथ ही वजाइना के आसपास जलन भी होती है।
पेशाब में जलन के लक्षण…
मूत्र त्याग करते समय मूत्रेन्द्रिय में जलन होना।
मूत्र त्याग करते समय दर्द का अनुभव होना।
पेशाब में जलन के मुख्य कारण…
मूत्रनलिका में बैक्टीरिया का संक्रमण
बचाव के परम्परागत, प्राकृतिक एवं घरेलू तरीके…
दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं मतलब ढाई से 3 लीटर, जिससे शरीर में मौजूद बैक्टीरिया यूरिन के जरिये बाहर निकल जाएंगे।
इन्फेक्शन होने पर शारीरिक संबंधों से भी दूर रहने की सलाह दी जाती है।
यू.टी.आई. होने पर मसालेदार भोजन, कॉफी, चाय और एल्कोहॉल के सेवन से दूर ही रहे।
पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल के पहले और बाद में फ्लश जरूर करें। ध्यान रखें कि टॉयलेट सीट साफ व सूखी हो।
यूरिन के प्रेशर को देर तक रोकना सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। वजाइना के साफ-सुथरा व सूखा रखें। कपडे पैंटी अच्छी तरह गुनगुने पानी से साफ धोकर ही इस्तेमाल में लें।
यू टी आई के 6 परम्परागत, प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार…
- घरेलू उपचार नम्बर
1 ग्लास पानी में 1/2 चम्मच धनिये के बीजों का पाउडर मिलाकर उबालिये। पानी आधा रहने पर इसे छान लीजिये। फिर इसमें स्वादानुसार पिसी हुई मिश्री मिला लीजिये और इसे ठंडा होने दीजिये। धनिये के इस पानी को दिन में 3-4 बार पीने से यूरीन में इंफेक्शन, पेशाब में जलन, दर्द आदि बहुत ही जल्दी ठीक हो जाते है। यदि मिश्री न हो तो बिना मिश्री के ही इस धनिये के पानी को पीया जा सकता है।
नम्बर 2 घरेलू उपचार
अदरक की एक छोटी गाँठ छील कर काट लीजिये। इस अदरक में 1 चम्मच काले तिल मिलाकर पीस लीजिये।यदि यह ठीक से नहीं पिस रहा हो तो थोड़ा पानी मिला लीजिये। अदरक तिल के इस पेस्ट में 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर अच्छी तरह मिला लीजिये। इसे थोड़ा थोड़ा करके दिन में 2-3 बार चाटने से यूरिन में इंफेक्शन, पेशाब की जलन आदि बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं।
नम्बर 3 घरेलू उपचार
तीन इलायची के दाने पीस कर पाउडर बना लीजिये। इलायची के इस पाउडर की फांकी दिन में 2 बार 1 कप ठंडे दूध के साथ लेनी चाहिये। इससे बहुत जल्दी यूरीन इंफेक्शन, पेशाब में जलन आदि जल्दी ठीक हो जाते हैं।
नम्बर 4 घरेलू उपचार
सूखी धनिया (दाना) को मोटा मोटा कूटकर छिलका अलग करें और अन्दर से गिरी निकाल लें।
300 ग्राम धनिया की गिरी (प्रायः 300 ग्राम गिरी 450 ग्राम धनिया में से निकल जाती है) तथा बराबर वजन की कूंजा मिश्री (या चीनी) लें। दोनों को अलग अलग पीसकर मिला लें।
सेवन विधि…
प्रातः सायं 6-6 ग्राम की मात्रा मे यह चूर्म दिन में दो बार लें।
प्रातः बिना कुछ खाये-पिये ही रात के रखे बासी पानी के साथ 6 ग्राम चूर्ण फांक लें। इसी प्रकार सायं 6 ग्राम चूर्ण प्रातः के रखे बासी पानी के साथ फाँक लें। चूर्ण खाने के दो घण्टे तक कुछ न खायें। यह मूत्र की जलन दूर करने के लिए अद्वितिय है।
आवश्यकता अनुसार तीन से इक्कीस दिन तक सेवन करें।
विशेष
(1) मूत्राशय की जलन के अतिरिक्त वीर्य की उत्तेजना में भी यह प्रयोग अचूक है। भयंकर और कठिन स्वप्नदोष की बीमारी में इसकी पहली दो खुराकों से ही लाभ प्रतीत होगा। इसे इस बिमारी में तीन से सात दिन तक लेना होगा। शौच यदि अधिक पतले दस्त के रूप में होता हो तो दूसरी मात्रा सायं चार बजे लेने की बजाय रात्रि सोने से आधा घण्टा पहले लें, परन्तु यदि कब्ज की शिकायत अधिक रहती हो तो दूसरी मात्रा सायं चार बजे ही लें। रात्रि सोते समय इसबगोल की भूसी (छिलका) चार-पांच ग्राम से पन्द्रह ग्राम तक ताजे जल के साथ फाँकें, बिना किसी कष्ट शौच होगा।
पहली रात ईसबगोल का उपयोग कम मात्रा में करें। यदि इससे लाभ न हो तो दूसरी रात इसकी मात्रा बढ़ा दें। जहां तक शौच साफ होने तक (चार से पन्द्रह ग्राम तकसका यहि मतलब है)। ईसबगोल एक हानिरहित कब्जवाशक होने के अतिरिक्त वीर्य को गाढ़ा करने, स्वप्नदोष और मूत्राशय की उत्तेजना दूर करने के लिए उपरोक्त औषधि की विशेष सहायता करता है।
(2) इस औषधि के सेवन से जहाँ प्रमेह नष्ट होता है, वहाँ प्रमेह, स्वप्नदोष या योन अव्यवस्थाओं के परिणाम स्वरूप होने वाले रोगों जैसे नजर की कमजोरी, धुँधलाहट, सिरदर्द, चक्कर आना, नींद न आना आदि में अत्यन्त हितकर है और दिल और दिमाग को बल देता है।
(3) वीर्य की उत्तेजना और स्वप्नदोष में केवल भुजंगासन (सर्पासन) के उचित अभ्यास से स्थायी लाभ होता है!
- घरेलू उपचार नम्बर
बेल की दस पत्तियाँ सुबह शाम बरीक पीसकर 250 ग्राम पानी मिलाकर पीएँ।
तीन-चार दिन में आराम होगा।
स्वप्नदोष दूर करने के लिए पन्द्रह दिन तक लें। - घरेलू उपचार नम्बर
मूत्र में जलन, रुकावट होने पर ठंडे पानी का तौलिया गीला करके नाभि के नीचे पेडू पर रखकर 15-20 मिनट लेटे रहने से जलन मिट जाती है। Dr. (Vaid) Deepak Kumar, Adarsh Ayurvedic Pharmacy, Kankhal Hardwar , apdeepak.hdr@gmail.com, 9897902760