हरिद्वार। बाघम्बरी गद्दी के श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद आखिरकार अखाड़े के संतों ने नरेन्द्र गिरि की वसीयत के मुताबिक उनके उत्तराधिकारी को बाघम्बरी गद्दी का महंत बनाने का ऐलान कर दिया है। इसकी घोषणा आज हरिद्वार में की गयी। हालांकि 28 सितम्बर को इस संबंध में प्रयागराज में घोषणा की जा चुकी है। इतना ही नहीं षोडशी भण्डारे व बालवीर गिरि की चारदपोशी के निमंत्रण बांटने का कार्य भी आरम्भ हो चुका है। निमंत्रण के मुताबिक 5 अक्टूबर को नरेन्द्र गिरि का षोडशी भण्डारा व बलवीर गिरि को उनके स्थान पर महंत बनाने की चादरविधि की जाएगी।
इस सबके बावजूद बलवीर गिरि की चादरपोशी पर संशय के बादल बरकरार हैं। सूत्र बताते हैं कि बलवीर गिरि को महंत बनाने के ऐलान के बाद से ही अखाड़े ने नागा साधुओं व कुछ महंतों में इस निर्णय को लेकर खासा आक्रोश है। नागा संतों का कहना है कि आखिर कब तक अखाड़े में षडयंत्र को चलने दिया जाएगा। कब तक पुरी से गिरि बनकर फर्जी संत अखाड़े की सम्पत्ति को लुटने का काम करते रहेंगे। उनका कहना है कि अब किसी भी फर्जी को अखाड़े की कमान सौपने नहीं दी जाएगी। उनका कहना है कि अभी चादरपोशी में चार दिन का समय है, गुरु निरंजन देव के शिष्य अखाड़े की संस्कृति को बनाए रखने के लिए अब हर प्रकार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं। उनका कहना है कि अब गद्दी पर जो भी बैठेगा वह असली गिरि नामा होगा। इसके साथ ही बलवीर गिरि को गद्दी पर बैठने से पूर्व गिरि नामा होने का अखाड़े के नागा साधुओं को सबूत देना होगा। नागाओं के इस रूख से स्पष्ट है की भले ही अखाड़े के प्रमुख संतों ने आपस में वार्तालाप कर निर्णय लिया हो, किन्तु अखाड़े के असली मालिक नागा साधु भी इसके खिलाफ आवाल बुलंद करने का मन बना चुके हैं। अब क्या होगा बलवीर गिरि की चादरपोशी होगी या नागाओं के आक्रोश का बलवीर गिरि को कोपभाजन बनना पड़ेगा।

ऐलान के बाद भी बलवीर गिरि की चादरपोशी पर संशय!


