जनता की पुकार, हरिद्वार में दबंग पार्षदों पर कब होगी कार्यवाही

भाजपा पार्षद मनीष बॉलर की गिरफ्तारी के बाद सुगबुगाहट हुई तेज
हरिद्वार।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेचने के आरोप में एसटीएफ ने रूड़की नगर निगम के भाजपा पार्षद मनीष बॉलर को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ आरोपित भाजपा पार्षद को देहरादून ले गयी। गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने पार्षद को निष्कासित कर दिया है।


रूड़की के भाजपा पार्षद की गिरफ्तारी के बाद अब हरिद्वार में भी कुछ भाजपा पार्षदों की सम्पत्ति और उनके कारनामों की जांच की मांग उठने लगी है। दबी जबान से लोग संस्कारी पार्टी के नेताओं को कटघरे में खड़ा करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि हरिद्वार में भी कुछ पार्षद जमीनों की अवैध बिक्री और सम्पत्तियों पर कब्जा करने का कार्य बखूबी कर रहे हैं। लोग इनके आतंक से त्रस्त हैं। सबसे अधिक धार्मिक सम्पत्तियां इनके निशाने पर हैं। लोगों को डरा-धमकाकर व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द करने का कार्य किया जा रहा है। बावजूद इसके शिकायत करने पर भी पुलिस पीडि़त पक्ष की नहीं सुनती।


शहर में चर्चा है कि उत्तरी हरिद्वार व कनखल क्षेत्र के कुछ पार्षदों का सम्पत्ति कब्जाने और फर्जी तरीके से जमीनों को बेचने का गोरखधंधा लम्बे समय से चला आ रहा है। बताया जाता है कि कभी मेहनत मजदूरी करने वाले ये कथित पार्षद आज अरबों की सम्पत्ति के स्वामी बने बैठे हैं। उत्तरी हरिद्वार में जब भी किसी धार्मिक सम्पत्ति को लेकर विवाद सामने आता है तो पार्षदों का नाम उसमें अग्र पंक्ति में होता है। कुछ समय पूर्व एक फर्जी ट्रस्ट बनाकर उस पर कब्जा करने के मामले में भी पार्षद के साथ एक महामण्डलेश्वर समेत कई का नाम सामने आया था। उस मामले में पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया था, किन्तु आज तक ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पायी। केवल सम्पत्ति ही नहीं और भी ऐसे कई कारोबार इनके धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिनमें सरकार को चुना लगाया जा रह है।


वहीं बैरागी कैंप में जमीनों की खरीद-फरोख्त तथा कांवड़ मेले के दौरान दुकान लगाने के नाम पर भी पार्षद पर लोगों ने मोटी रकम मांगने के आरोप लगे थे। जिसको लेकर लोगों ने हंगामा भी किया था। बावजूद इसके संस्कारी पार्टी ने अपने ऐसे पार्षदों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। पार्टी की शह के कारण ही आज कुछ पार्षद अरबों की सम्पत्ति के स्वामी बने बैठे हैं। कई पार्षद ऐसे हैं जिन पर मुकदमें भी दर्ज हो चुके हैं। बावजूद इसके अपने आका के बल पर ये बार-बार बच निकलने में कामयाब हो जाते हैं।


तीर्थनगरी की जनता की ओर से भी अब संस्कारी पार्टी के ऐसे पार्षदों के खिलाफ कार्यवाही और सम्पत्ति की जांच की मांग उठने लगी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *