नरेन्द्र गिरि हत्याकांड़ में सीबीआई को किया जा रहा गुमराह

अखाड़े के कई संतों की भूमिका पर उठाए धर्मदत्त महाराज ने सवाल
हरिद्वार।
विश्वगुरु भारत परिषद के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संरक्षक महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि नरेन्द्र गिरि हत्याकांड की सीबीआई जांच को प्रभावित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि राजनेता व अधिकारी दवाब के चलते इस जांच को प्रभावित करने का कार्य कर रहे हैं। जिस कारण से अधिकारी भी परेशान हैं। महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि उन्हें निरंजनी अखाड़े के संतों द्वारा ही इस प्रकार की सूचना मिली है। जिसमें उनका कहना है कि जांच को प्रभावित करने का कार्य किया जा रहा है और कोई भी संत अखाड़े के पक्ष में खड़ा होने का तैयार नहीं है। ऐसे में श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की मौत की सच्चाई सामने नहीं आ सकती है। महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि इस कारण से उन्हें सामने आकर इस लड़ाई का बीड़ा उठाना पड़ा। उनका कहना है कि इस लड़ाई को वे न्याय तक पहुंचाने का कार्य करेंगे। और ऐसे लोगों को भी बेनकाब करेंगे जो जांच को प्रभावित करने का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने इस मामले में निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत, आचार्य मण्डलेश्वर व बनारस निवासी जितेन्द्रानंद सरस्वती की भूमिका को संदिग्ध बताया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने गृहमंत्री और पीएमओ में इसकी शिकायत की है। उन्होंने बनारस में रहने वाले नकली शंकराचार्य के शिष्य जितेन्द्रानन्द सरस्वती ऊर्फ जीतू पर भी हमला बोलते हुए कहाकि सनातन धर्म वर्णाश्रम आधारित है। इसमें नर से नारायण बनने की व्यवस्था है। किन्तु उसने धर्म शास्त्रों का गला घोंटकर हाईकोर्ट में याचिका दयार की है। जिसमें उसने कहा है कि हिन्दुओं के शव का गंगा में न जलाने दिया जाए। उन्होंने दावा किया कि जितेन्द्रानन्द सरस्वती अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व संघ प्रमुख मोहन भागवत का स्वंय को धर्मगुरु बताकर दवाब बनाने का कार्य करता है। उन्होंने कहाकि नरेन्द्र गिरि हत्याकांड़ में वे न्याय चाहते हैं। यदि न्याय नहीं मिलता है तो संत सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहाकि नरेन्द्र गिरि हत्याकांड का मामला इसलिए उलझा हुआ है कि समाज में अब दो प्रकार के संत हैं। एक सच्चे संत और दूसरे सरकारी संत। सरकारी संत वे हैं जो सरकार की धर्म विरोधी नीतियों का समर्थन करते हैं। जैसा की नरेन्द्र गिरि मामले में भी हो रहा है।

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