हरिद्वार। कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी में जल प्रबंधन, सतत कृषि, स्वदेशी मवेशी संरक्षण और संवर्धन विषय पर किसानों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। शिविर में वैज्ञानिकों ने 150 से अधिक किसानों को फसलों की लागत कम कर तकनीकी खेती से उत्पादन बढ़ाने के गुण सिखाए।
भारतीय एग्रो इंडस्ट्रीज फाउंडेशन (बायफ) एवं आईटीसी मिशन सुनहरा काल के तत्वाधान में कृषि विज्ञान केंद्र धनोरी मैं आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में केंद्र प्रभारी पुरुषोत्तम कुमार ने किसानों को बुवाई से पहले मिट्टी की जांच करने एवं फसलों में कीटनाशकों एवं उर्वरकों का प्रयोग संतुलित रूप से करने का आह्वान किया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक योगेंद्र पाल सैनी ने गान्ने में लगने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए बीज को उपचारित कर बुवाई करने की जानकारी दी।
बायफ की परियोजना अधिकारी प्रियंका मंडोली ने कहा कि पॉलिथीन एवं कृषि में हो रही लगातार हानिकारक रसायनों के प्रयोग से पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने सभी से ऑर्गेनिक कृषि की अपील करते हुए फसलों में कम से कम रसायनों का प्रयोग करने की बात कही।
मास्टर ट्रेनर गणपत सैनी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए केचुआ संरक्षण एवं कृषि मित्र कीटों का संरक्षण करने के लिए गौ आधारित प्राकृतिक खेती करने की अपील की। कार्यक्रम में सहायक परियोजना अधिकारी विपुल सैनी, सुपरवाइजर अमित कुमार सैनी नेहा पूजा रामनरेश प्रवीण सैनी रूपा, ज्योति, जूली, कविता, प्रेमशिला, नूतन चौहान आदि मौजूद रहे।