महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी मामलाः आरोपियों की उन्मोचन अर्जी पर फैसला छह मार्च को

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में आरोपियों की ओर से दी गई उन्मोचन अर्जी पर इलाहाबाद जिला अदालत छह मार्च को अपना फैसला सुनाएगी। उन्मोचन अर्जी पहले आद्या प्रसाद तिवारी की ओर से दाखिल की गई थी।
शुक्रवार को सुनवाई के आनंद गिरि और संदीप तिवारी की ओर से भी उन्मोचन अर्जी दाखिल की गई। हालांकि, सीबीआई के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया। अदालत ने सुनवाई के बाद इस पर छह मार्च को फैसला सुनाने के लिए कहा।

जिला न्यायाधीश की अदालत में चल रहे केस की सुनवाई में तीनों अभियुक्तों पर आरोप तय होने हैं। आद्या प्रसाद ने पिछली सुनवाई पर उन्मोचन अर्जी दाखिल की थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने उस पर बहस सुनी। सीबीआई की ओर से कहा गया कि तीनों के खिलाफ सबूत हैं। इसलिए उन्मोचन अर्जी को खारिज किया जाना चाहिए। हालांकि, आरोपियों की ओर से कहा गया कि वे निर्दोष हैं।

अदालत ने आनंद गिरि और संदीप तिवारी का पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता डीके द्विवेदी को बतौर न्यायमित्र नियुक्ति है। इन दोनों आरोपियों की ओर से न्यायमित्र ने बहस की और उन्मोचन अर्जी दी। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता दीप नारायण ने बहस की। इस दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि भी उपस्थित रहे। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद उन्मोचन अर्जी पर छह मार्च को फैसला सुनाने का आदेश दिया।

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