हरिद्वार। नेताओं के स्वार्थ के चलते तीर्थनगरी बढ़े खतरे की ओर बढ़ रही है। बावजूद इसके शासन-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यह बड़ा खतरा है हरिद्वार व उसके आसपास रह रहे बंगलादेशी लोगों का। जो अपनी पहचान छुपा कर यहां वर्षों से निवास कर रहे हैं।
बता दें कि हरिद्वार में नगर निगम बॉयलॉज के मुताबिक कोई भी गैर हिन्दू निगम की सीमा में स्थायी रूप से निवास नहीं कर सकता। बावजूद इसके ऐसा हो रहा है और शासन-प्रशासन इन सबसे आंखे बंद किए हुए बैठा है। सबसे अधिक बंगलादेशी लोगों की आबादी उत्तरी हरिद्वार में हैं। बंगलादेश्ी लोगों के साथ अन्य समुदाय के लोग भी यहां निवास कर रहे हैं। जबकि नियम के मुताबिक यह यहां निवास नहीं कर सकते। झोपड़ पट्टी में इनकी संख्या सर्वाधिक है। हैरानी की बात तो यह है कि इन्होंने अपनी पहचान छिपाकर राशन कार्ड, आधार कार्ड तक बनवा लिए हैं। ऐसा सब नेताओं के इशारे पर अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए किया गया है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व में वोट बैंक के चलते ऐसे लोगों के राशन कार्ड व आधार कार्ड तक बनवाए गए, जिससे की चुनावों में इनका फायदा उठाया जा सके। जिस प्रकार से बंगलादेशी लोगों की संख्या हरिद्वार में फैली हुई है ये भविष्य के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है। पुलिस प्रशासन बाहरी व्यक्तियों की पहचान के लिए समय-समय पर सत्यापन की कार्यवाही करता है, किन्तु झोपड़ पट्टी में सत्यापन की कार्यवाही नहीं होती। साथ ही आधार व राशन कार्ड होने के कारण सत्यापन की कार्यवाही में भी ये लोग बच जाते हैं।

नेताओं के स्वार्थ के कारण बढ़ रहा हरिद्वार को खतरा


