हरिद्वार। विगत दिनों बैरागी संतों के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से स्वंय को अलग करने के कारण परिषद का अस्तित्व समाप्त हो जाने की बात कही गयी थी। जिसके बाद बैरागी संतों से एक बार फिर से बयान दिया की यदि परिषद की बैठक बैरागी कैंप में संतों के कैंप में आयोजित होती है तभी उसकी मान्यता होगी। अन्यथा बैठक गैरकाूननी मानी जाएगी। बैरागी संतों की इस चेतावनी के बाद परिषद में खलबली मची हुई है। इसके साथ ही बैरागी संतों ने परिषद में एक पद बैरागी संतों के लिए भी मांगा। जिससे बैरागी संतों से अप्रत्यक्ष रूप से यह स्पष्ट कर दिया की परिषद भंग हो चुकी है और नए सिरे से चुनाव होने चाहिए।
बैरागी संतों के इस रूख के बाद परिषद के पदाधिकारियों में खलबली मची हुई है। सूत्र बताते हैं कि परिषद के पदाधिकारी अब बैरागी संतों से वार्ता कर मामले का पटाक्षेप करना चाहते हैं। जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। फिलहाल परिषद के अध्यक्ष प्रयागराज और महामंत्री हरियाण प्रवास पर हैं। जिस कारण वार्ता संभव नहीं है। सूत्र बताते हैं कि शीघ्र ही हरिद्वार में परिषद के पदाघिकारियों और बैरागी संतों के बीच वार्ता होगी। सूत्र बताते हैं कि परिषद से फिलहाल कोई भी पदाधिकारी पद छोड़ना नहीं चाहता है। साथ चुनाव कराने के लिए संतों का एक खेमा राजी नहीं है। जबकि बैरागी संत परिषद के चुनाव कराने के मूड में हैं। हालांकि वार्ता के बाद बैरागी संतों के प्रमुखों के तेवर कुछ नरम पड़े हैं, किन्तु अन्य संत परिषद के कार्यों और अपने श्रीमहंतों के रूख से खुश नहीं है। उनका मानना है की परिषद के चुनाव होने चाहिए तथा एक पद बैरागी संतों को मिलना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि बैरागी संतों का एक बड़ा दल शीघ्र ही हरिद्वार पहुंचने वाला है। जो की चुनाव कराने का पक्षधर है।