हरिद्वारः नारियल घोटाला, सीएम ने दिए ऑडिट के आदेश

हरिद्वार। सनातन धर्मावलम्बियों की आस्था के प्रमुख केन्द्र मठ-मंदिर अब मोटी कमाई का साधन बन गए हैं। मंदिरों में अधिक दान आने के कारण यहां भ्रष्टाचार भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जिसके चलते आम लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम धर्म के ठेकेदार कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले की शिकायत समाजिक कार्यकर्ता वासू सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर की है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट ने ऑडिट के आदेश दे दिए हैं।


बता दें कि वासू सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मां मंशा देवी मंदिर में चढ़ने वाले नारियल, छत्र, चुनरी से होने वाली करोड़ों रुपये की आय के गबन का आरोप लगाते हुए ठेकेदार/मंदिर के कथित ट्रस्टी अनिल शर्मा के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की थी। जिसकी एक प्रति वासू सिंह ने सिटी मजिस्ट्रेट को भी दी थी।


पत्र में वासू सिह ने कहाकि अनिल शर्मा मां मंशा देवी के स्वंयभू ट्रस्टी व मंदिर में चढ़ने वाले नारियल के ठेकेदार भी हैं। कहाकि मंदिर में चढ़ने वाला नारियल मुख्य मंदिर में एकत्रित कर ठेकेदार अनिल शर्मा को 6 रुपये प्रति नारयिल की दर से बेचा जाता है। एक ही नारियल कई बार मदिर में चढ़ता है और कई बार बिकता है। ऐसे में कुल मिलाकर वर्ष भर में करीब नारियल से ही 2 करोड़ रुपये की आय होती है। इसके साथ ही छत्र, चुनरी, अगरबत्ती आदि भी इकट्ठा कर पुनः बेची जाती है। जिसका कोई हिसाब नहीं है। साथ ही उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों का भी उल्लंघन किया जा रहा है। इसके साथ ही मंशा देवी के चढ़ावे का उपयोग निजी लाभ के लिए किया जा रहा है। ऐसे में उन्होंने उच्च न्यायालय के 3 जनवरी 2012 के आदेशों का अनुपालन कराने, वर्ष 1972 से 2022 तक का मां मंशा देवी मंदिर का स्पेशल ऑडिट कराने व नारियल घोटाले के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
उधर सूत्रों के मुताबिक सिटी मजिस्ट्रेट ने पत्र प्राप्ति के बाद नारियल घोटाले का ऑडिट कराने के आदेश दे दिए हैं।

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