जब ऐसे नेता मैदान में तो क्या कर पाएंगे शहर का भला

जिनकी की गई उपेक्षा वे भी देंगे जड़ों में मट्ठा


हरिद्वार।
निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। आज नामांकन का आखिरी दिन है। इसके बाद प्रत्याशी चुनाव प्रसार के समर में कूद पड़ेंगे। प्रत्याशियों के टिकट वितरण के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी हो गया है। कुछ रूठों के मनाने में जुटे हैं तो कुछ अपनों की ही जड़ों में मट्ठा देने की तैयारी कर रहे हैं। वह सबसे आगे रहने वाले हैं, जिन्हें टिकट का भरोसा दिया गया और करोड़ों रुपये तक उनके खर्च करवा दिए गए। वहीं जिन्होंने दिन-रात अपने नेता के लिए एक कर दिया और आखिरी समय में उन्हें भी ठेंगा दिख गया। वे सब अपना बदला लेने के लिए आतुर हैं। बहरहाल इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है। ऐसा हाल किसी एक दल का नहीं करीब-करीब सभी में स्थिति ऐसी ही है।


अभी चुनाव प्रचार शुरू भी नहीं हुआ है। बावजूद इसके सभी अपनी-अपनी जीत के दावे करने लगे हैं। हर दल अपने प्रत्याशी को साफ-सुथरा और ईमानदार बताते हुए उसकी जीत के दावे कर रहा है, किन्तु सत्यता इसके ठीक विपरीत है।


हरिद्वार के समीपवर्ती एक नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी की बात करें तो उन पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है। यहां तक की जांच अधिकारी भी यह मान चुके हैं कि घोटाला हुआ है और कुछ की जांच प्रभाव के चलते ठंडे बस्ते में डाली हुई है। ऐसे में एक बार फिर से पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाकर जनता के धन को लूटने का दोबारा से मौका दे दिया है।


वहीं एक मेयर पद की प्रत्याशी ऐसी हैं, जिनके पति के कारनामे जगजाहिर हैं। आरोप है कि गंगा किनारे वह तथा एक अन्य नेता महिला के साथ गंगा किनारे कार में पकड़े गए थे। हालांकि प्रभाव के चलते मामले को थाने पहुंचने से पहले निपटा दिया गया। कार में उनके साथ शराब भी बरामद हुई थी। बाद में जो महिला कार में बतायी गई थी उसकी हत्या हो गई थी।


एक पार्षद प्रत्याशी महाशय करोड़ों की प्रापर्टी इकट्ठा किए हुए हैं। कई विवादित सम्पत्तियों पर इन्होंने अपना कब्जा जमाया हुआ है। वहीं एक पार्टी नेताओं पर प्रत्याशियों का सूची में नाम होने के बाद भी सिम्बल न देने का आरोप लग चुका है।


वहीं एक अन्य पार्षद प्रत्याशी पर उसकी ही भाभी ने गंभीर आरोप लगाते हुए पार्षद प्रत्याशी को चरित्रहीन तक बता दिया। अब विचारणीय बात यह कि जब ऐसे नेता चुनाव मैदान में हैं और वह यदि जीतकर आते हैं तो वह क्या शहर और समाज का भला करेंगे।

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