अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में जांच के लिए सीबीआई की टीम के पहुंचते ही हड़कंप मच गया। सीबीआई टीम दस्तावेजों की जांच के साथ संस्थान के अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में पूर्व में चिकित्सा उपकरण, मेडिकल स्टोर आवंटन, कंकालों और दवाओं की खरीद, नियुक्तियों के मामले की जांच चल रही है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानके पांच अधिकारियों समेत आठ पर पूर्व में मुकदमे दर्ज हुए थे।
शुक्रवार को सीबीआई के डीएसपी की अगुवाई में सात सदस्यीय टीम एम्स पहुंची। टीम ने पिछले साल 3 से 7 फरवरी को छापामारी की थी। फिर 22 अप्रैल को टीम पहुंची थी। जिसमें माइक्रोबायोलाजी विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर बलराम जी ओमर, एनाटामी विभाग के तत्कालीन अध्यक्ष प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर अनुभा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, लेखाधिकारी दीपक जोशी और प्रो-मेडिक डियाईसेस के स्वामी पुनीत शर्मा को नामजद किया गया था।
बताते चलें कि सीबीआई की यह तीसरी छापामारी है। 2017-18 में एम्स ने स्वीपिंग मशीन खरीदी थी, जिसमें 2.41 करोड़ की धांधली की जांच चल रही है। जबकि दूसरी कंपनी एक करोड़ में यह मशीन दे रही थी। इस सिलसिले में सीबीआई के अधिकारी पूछताछ में जुटे हैं।