हरिद्वार। कोर्ट के आदेश के बाद अब अखाड़ा परिषद अध्यक्ष समेत अन्य की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं। कोर्ट ने परिषद अध्यक्ष व पांच अन्यों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज करने आदेश दिए हैं। जिसके बाद अब अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ना तय है।
विदित हो कि शशी ठाकुर ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी, श्रीमति बिन्दू गिरि, अनिल शर्मा, राज गिरि, द्वारिका मिश्रा व सुरेश तिवारी के खिलाफ उनकी दुकान में जबरन घसकर उसे व उसकी पुत्री के साथ गाली गलौच व पुत्री के साथ अभद्रता करने तथा जाने से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए थे। घटना के बाद उन्होंने पुलिस को इस संबंध में शिकायत भी की, किन्तु पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गयी। जिसके बाद पीडि़ता ने कोर्ट को दरवाजा खटखटाया। कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में शशी ठाकुर ने कहाकि उनके चाचा रामा पुत्र मूलचन्द्र करीब 40 वर्षों से मंशा देवी प्रांगण में दुकान संचालित करते आ रहे थे। जिसका वार्षिक किराया 20 हजार वे अदा करते थे। 2014 में उनकी मृत्यु के बाद दुकान का संचालन प्रार्थीया करती चली आ रही है। चाचा की मृत्यु के बाद तत्कालीन महंत रामानंद पुरी ने 20 हजार सालाना पर वह दुकान प्रार्थीया को दे दी। जिसकी किरायेदारी नगरपालिका में भी अंकित है।

2015 में मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी उक्त दुकान को खाली कराना चाहते थे, जिसके संबंध में उन्होंने एक वाद 127/2015 न्यायालय सिविल जज जेडी के यहां दायर किया, जिसमें निर्णय उनके पक्ष में आया। पीडि़ता ने कहाकि वर्तमान ट्रस्टी रविन्द्र पुरी वर्ष 2018 से 2022 तक दुकान का वार्षिक किराया लिया, किन्तु रसींदें नहीं दीं। कहाकि 4 अप्रैल 2022 को बिन्दू गिरि, सुरेश तिवारी व द्वारिका मिश्रा जबरन दुकान खाली कराने की नीयत से घुस आए और उनके साथ गाली-गलौच व अभद्रता की। इतना ही नहीं उनकी पुत्री के साथ भी उन्होंने अभद्रता की। तथा जाने से मारने की धमकी देकर चले गए। इस संबंध में पीडि़ता ने पुलिस से शिकायत की, किन्तु उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद पीडि़ता ने न्यायालय का दरवाता खटखटाया। शशी ठाकुर ने कहाकि जिस दुकान का उक्त लोग किराया वसूल रहे हैं वह वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा कर बनायी गयी है।

इतना ही नहीं इस सबके बाद वन विभाग ने पीडि़ता के खिलाफ वन विभाग की भूमि पर कब्जा करने और पक्का निर्माण करने के आरोप में मुकद्मा दर्ज कर लिया। जबकि मंशा देवी नाम से कोई ट्रस्ट अस्तित्व में ही नहीं हैं। उन्होंने कहाकि मंशा देवी पर उक्त लोगों का कोई अधिकार नहीं है। इनके द्वारा वन विभाग की भूमि पर कब्जा किया हुआ है। पीडि़ता की दलील सुनने के बाद प्रथम अपर सिविज जज/जेएम विवेक राणा ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी, श्रीमति बिन्दू गिरि, अनिल शर्मा, राज गिरि, द्वारिका मिश्रा व सुरेश तिवारी के खिलाफ मुकद्मा दर्ज करने के पुलिस को आदेश दिए हैं।


