हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय में योग विज्ञान विभाग द्वारा योग महोत्सव का आयोजन हो रहा है।
महोत्सव में देश के प्रतिष्ठित योगाचार्य स्वामी कर्मवीर महाराज ने अपने सम्बोधन में कहा कि योग के आभास मानव जीवन की सार्थकता के लिए आवश्यक है। मनुष्य संसार में इतना खो चुका है कि स्वयं की दिव्य शक्तियों को भी भूल गया है। शरीर और मन के कार्य-कलाप में अव्यवस्थित हो चुके हैं। जिसके परिणाम स्वरूप अनेकों प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। योग के विभिन्न अभ्यास को मनुष्य अपने जीवन में सम्मिलित कर लेता है तो शरीर और मन के संतुलन सही होकर रोग मुक्त होने लगते हैं।
योगाचार्य स्वामी कर्मवीर के निर्देशन में चल रहे ऋषिकाकुलम की कन्याओं के द्वारा आँख में पट्टी बांधकर किताब के किसी भी पृष्ठ को पढ़ना, नोट के नंबर आदि को बताना, किसी भी प्रकार के रंग बता देना आदि की क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। ऋषिकाकुलम की कन्याओं ने आंख पर पट्टी बांधकर चित्रकारी भी की, जिसे सभी ने साराहा। साथ ही आंख पर बंधी पट्टी के बाद लिखे हुए को पांव के अंगूठे के सहारे भी पड़कर दिखाया। योगाचार्य स्वामी कर्मवीर ने बताया कि इन क्षमताओं को अर्जित करने में योग के विभिन्न आभ्यास ही उपयोगी हैं। अपनी मानसिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ध्यान आदि का अभ्यास लाभकारी होता है। एकाग्रता, स्मृति क्षमता, संकल्प बल आदि की आवश्यकता प्रत्येक विद्यार्थी को होती है। योग के द्वारा इन क्षमताओं को प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि योग के अभ्यास से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं। ऋषिकाकुलम की छात्राओं योग के अभ्यास से अर्जित क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। इसका अर्थ है कि हम अपनी शक्तियों और क्षमताओं को इसके अभ्यास से बढ़ा सकते हैं।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. ऊधम सिंह ने कहा कि यह योग महोत्सव आने वाले 21 जून को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की जागरूकता हेतु आयोजित किया गया है। इस अवसर पर प्रो ब्रह्मदेव, प्रो मनुदेव, प्रो सत्यदेव निगमालंकार, प्रो कर्मजीत भाटिया, डॉ निष्कर्ष, डॉ राजीव शर्मा, डॉ संदीप, हेमंत नेगी, कुलभूषण शर्मा, धर्मेंद्र बिष्ट, दीपक आनंद, निकुंज, मोहन जतीन्द्र मोहन, जोगेन्द्र आदि उपस्थित रहे।


