उत्तराखंड में ठंड का सितम जारी है। इन दिनों पर्वतीय और मैदानी जिलों में कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं पर्वतीय अंचलों में ठंड से पानी भी जम जा रहा है। चमोली में कड़ाके की ठंड से नीती मलारी घाटी में झरने, नाले, गाड़-गदेरे सब जमकर बर्फ बन गये हैं। साथ ही पानी के तालाबों के ऊपर पाला जमने से तालाब भी जमे हुए हैं।
गौर हो कि उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदलता रहता है। इस बदलते मौसम के साथ लगातार ठंड में भी इजाफा हो रहा है। चमोली के निचले इलाकों में भी कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है। लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों और हीटर का सहारा ले रहे हैं। बीते दो दिनों से मौसम की आंख-मिचौली के चलते ठंड और बढ़ गई है। वहीं चमोली में कड़ाके की ठंड से नीती मलारी घाटी में झरने, नाले, गाड़-गदेरे सब जमकर बर्फ बन गये हैं। साथ ही पानी के तालाबों के ऊपर पाला जमने से तालाब भी जमे हुए हैं। बढ़ती ठंड के कारण लोग अपने घरों के अंदर ही कैद होने को मजबूर हैं। चमोली में घाट, जोशीमठ, पोखरी, देवाल, निजमुला घाटी में सुबह और शाम को शीतलहर और बर्फीली हवाएं चल रही हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष ठंड ने जल्द दस्तक दे दी है और इस वर्ष ठंड का प्रकोप अधिक महसूस हो रहा है। वहीं ठंड से बचने के लिए लोग आग का सहारा ले रहे हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही पर्वतीय इलाकों में तापमान में खासी गिरावट दर्ज की जा रही है।

उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड, जम गए नदी-नाले


