श्रीतिलभाण्डेश्वर मंदिर में भागवत कथा का आयोजन
हरिद्वार। श्री तिलभाण्डेश्वर मंदिर कनखल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्म की लीला का मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित को कथा का रसपान कराते हुए शुकदेव मुनि ने कहाकि संसार का कल्याण करने के लिए भगवान अवतार लेते है। जब-जब धर्म की हानि होती है, तब सज्जनों केकल्याण और राक्षसों का वध करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं। कहाकि जब-जब होई धर्म की हानि, बाढहि असुर अधम अभिमानी, तब-तब धरि प्रभु मनुज शरीरा, हरहि कृपा निज सज्जन पीरा आदि चौपाइयों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री ने प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जेल में वासुदेव के यहां अवतार लेकर संतो व भक्तों का सम्मान बढ़ाया। उन्होंने अपने अंदर बुराई विद्यमान न रहे इसके लिए संतों को सत्संग का मार्ग बताया। उन्होंने कहाकि भगवान श्रीराम की मर्यादा और श्रीकृष्ण को तब समझोगे जब राम कथा के दौरान जैसे ही भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आए। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं ने भगवान को भोग लगाया। इस अवसर पर मंदिर के श्रभ्महंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया। कथा के दौरान वीरेन्द्र वत्स, अमित चावला, प्रवीन्द्र गोयल, सुन्दर सिंह मनवाल, नीरज चौधरी, अचला मल्होत्रा, हिमांशु चोपड़ा, सतीश शर्मा, जितन्द्र प्रसाद, अनिल ठाकुर आदि ने सहयोग किया।