धर्मदास बोले, ऐसे ही चलता रहा तो साथ चलना मुश्किल
हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के द्वारा कुंभ समाप्ति की घोषणा के बाद बैरागी अखाड़ों में रोष उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कुंभ समाप्ति की घोषणा करने पर निरंजनी और आनन्द अखाड़े से माफी मांगने की मांग की है।
बता दें कि शुक्रवार देर शाम श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने 17 अप्रैल से कुंभ समाप्ति की घोषणा की थी। जिसके बाद बैरागियों के तीनों अखाड़ों ने इसको लेकर अपनी नाराजगी जतायी है। बैरागी अखाड़े के श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहाकि कुंभ समाप्ति की घोषणा का अधिकार मेला अधिकारी व मुख्यमंत्री को है। किसी अखाड़े को कुंभ समाप्ति की घोषणा का अधिकार नहीं है। ऐसे में निरंजनी व आनन्द अखाड़े को इस पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहाकि बिना आपसी विचार-विमर्श के ऐसे ही चलाता रहा तो हमारा साथ चलना मुश्किल होगा। उधर निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज का कहना है कि कुंभ समाप्ति की घोषणा का निर्णय उनके अखाड़े का है। अखाड़ा परिषद का यह निर्णय नहीं है।
वहीं दूसरी और शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने भी कुंभ समाप्ति की घोषणा पर नाराजगी व्यक्त की है। बता दें कि सरकार के मुताबिक कुंभ 30 अप्रैल को समाप्त होगा। जबकि 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा को बैरागी अखाड़े शाही स्नान करेंगे।