बैरागियों के ठेकेदार नहीं अवधेशानंद, पीएम करें बैरागी अखाड़ों के श्रीमहंत से वार्ताः हठयोगी

कंुभ मेला समाप्ति को राजी नहीं बैरागी संत
हरिद्वार।
कुंभ में कोरोना विस्फोट ने आम आदमी के साथ केन्द्र व राज्य सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री को स्वंय जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कुंभ को प्रतीकात्मक करने की अपील करनी पड़ी। पीएम की अपील के बाद संन्यासी अखाड़े कुंभ समाप्ति हो राजी है। जबकि बैरागी अखाड़े चैत्र पूर्णिमा का स्नान करके ही कुंभ समाप्त होने की बात पर अड़े हुए हैं।
इस संबंध में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा बलराम दास हठयोगी ने कहाकि संन्यासी अखाड़े जो कुंभ समाप्ति की बात कह रहे हैं, यदि इतिहास पर नजर डालें तो वैशाखी का शाही स्नान होने के साथ संन्यासियों का कुंभ समाप्त हो जाता है। केवल बैरागी संत ही चैत्र पूर्णिमा तक स्नान के लिए रूकते हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री ने जो स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कुंभ को समाप्त करने की अपील की, उससे अच्छा होता प्रधानमंत्री किसी बैरागी अखाड़े के श्रीमहंत से वार्ता करते। उन्होंने कहाकि स्वामी अवधेशानंद बैरागी संतों के ठेकेदार नहीं हैं, जो बैरागियों के कुंभ का निर्णय वे लेंगे।
बता दें कि प्रधानमंत्री की अपील से पहले ही निरंजनी व आनन्द अखाड़ा कुंभ समाप्ति की घोषणा कर चुका है। अब जूना व उसके सहयोगी आह्वान व अग्नि भी समर्थन में आ गए हैं। जबकि निर्वाणी व उसके सहयोगी अटल की ओर से कोई प्रतिक्रिया इस सबंध में नहीं आयी है। जबकि उदासीनों के दोंनो अखाड़े व निर्मल अखाड़ा भी इस मामले में अभी चुप्पी साधे हुए है। संन्यासी अखाड़ों द्वारा कुंभ समाप्ति की घोषणा के बाद भी बैरागी संत चैत्र पूर्णिमा का स्नान करने के बाद ही कुंभ समाप्ति की घोषणा करेंगे।

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