विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में बीती शाम करीब साढ़े 6 बजे चोराबाड़ी ग्लेशियर के कैचमेंट में एवलॉन्च आया है। हालांकि, इससे कोई नुकसान होने की खबर नहीं है, लेकिन शासन प्रशासन इस पर नजर बनाए हुए है। केदारनाथ मंदिर के पीछे करीब 5 किमी. की दूरी पर चोराबाड़ी ग्लेशियर स्थित है।
चोराबारी ग्लेशियर वही ग्लेशियर है जिसने साल 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में भारी तबाही मचाई थी। जब यह एवलॉन्च हो रहा था तब वहां मौजूद लोग इसे मामूली घटना ही समझ रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे बर्फ का यह पूरा का पूरा पहाड़ नीचे आता हुआ दिखाई दिया, तब सबको समझ में आया। एक बार फिर से केदारनाथ के पीछे हलचल हुई है।
फिलहाल प्रशासन इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। प्रशासन यह जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिरकार इतनी भारी संख्या में एवलॉन्च कैसे हुआ है। साल 2013 में केदारनाथ आपदा की खौफनाक तस्वीरें अब भी रोंगटे खड़े कर देती हैं। यह घटना दुनिया में सदी की सबसे बड़ी जल प्रलय से जुड़ी घटनाओं में से एक थी। 16 जून 2013 की उस रात केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे 13 हजार फीट ऊंचाई पर चौराबाड़ी झील ने ऐसी तबाही मचाई थी, जिसके कारण हजारों लोगों की जिंदगियां तबाह हो गईं।


