जनवरी 2016 में हरिद्वार में अर्धकुंभ को निशाना बनाने और दिल्ली एनसीआर में आईएस का नेटवर्क स्थापित करने के मामले में दोषी ठहराए गए पांच लोगों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। एडिशनल सेशंस जज प्रवीण सिंह ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने इन दोषियों को आतंकी निरोधक कानून के तहत सात साल की सजा सुनाई है, जबकि अन्य अपराधों के लिए पांच साल की सजा सुनाई है। इन पर आरोप था कि इन्होंने हरिद्वार में अर्धकुंभ को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। कोर्ट ने जिन अभियुक्तों को दोषी करार दिया है उनमें अखलाक उर रहमान, मो। अजीमुशान, मो. मेराज, मो. ओसामा और मो. मोहसिन इब्राहिम सैयद शामिल हैं। एनआईए ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था।
जुलाई 2016 में एनआईए ने छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें से पांच दोषियों के अलावा शफी आरमर के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल किया गया था लेकिन वो फरार है।


