कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट काफी चिंतित है। कोर्ट ने देश के प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से चुनाव टालने की अपील की है। कोर्ट का कहना है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए फिलहाल चुनाव टाल दिए जाएं। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि पीएम और चुनाव आयुक्त राज्य में चुनावी रैलियों और सभाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए।
दुनियाभर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की दहशत और बढ़ते प्रभाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनावी रैलियों में भीड़ जुटाए जाने पर आपत्ति जताई है। कोर्ट ने देश के पीएम और चुनाव आयुक्त से अपील की है कि यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए। राजनीतिक दलों को भीड़ इकट्ठा न करने दें। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों से कहा जाए कि वह टीवी, न्यज पेपर्स के माध्यम से ही चुनाव प्रचार करें।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जज ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि चुनावी रैलियों और सभाओं को रोकने के लिए वह सख्त कदम उठाएं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि पीएम चुनाव टालने पर भी विचार करें। कोर्ट ने साफ किया कि जान है तो जहान है, इसीलिए चुनाव टालने के बारे में पीएम जरूर सोचें। कोर्ट ने यह आदेश उत्तर गिरोहबंद कानून के तहत आरोपी संजय यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। दरअसल संजय यादव के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट इलाके में केस दर्ज है।
हाई कोर्ट ने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव के समय बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए थे। जिसकी वजह सो लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव पास है। जिसके लिए सभी दल रैली, सभाएं करके लाखों की भीड़ जुटा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसे हालात में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन संभव ही नहीं है। अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया तो दूसरी लहर से ज्यादा भयावह स्थिति हो जाएगी। ऐसे हालात में कोर्ट ने चुनाव आयुक्त से अपील की कि चुनावी रैली, सभाओं में भीड़ जुटाने पर प्रतिबंध लगाया जाए।