आनंद गिरि की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने की खारिज

अखाडा परिषद् अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि को इलाहबाद हाईकोर्ट से रहत नही मिली।

सात सितंबर को हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ ने दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया था और निर्णय सुनाने के लिए नौ सितंबर की तिथि मुकर्रर की थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। सात सितंबर को हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ ने दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था और निर्णय सुनाने के लिए नौ सितंबर की तिथि तय की थी। शुक्रवार को दोनों तरफ से अधिवक्ता न्यायालय में मौजूद रहे।

जमानत अर्जी की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने की। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व इमरानुल्ला खान का कहना था कि याची व महंत नरेंद्र गिरि में मनमुटाव था, जिसको लेकर विवाद हुआ। मार्च 21 में आनंद गिरि हरिद्वार चले गए थे और बाघंबरी गद्दी प्रयागराज से संबंध तोड़ लिया था। मई 21 में इंदू मिश्र ने लखनऊ में गुरू शिष्य के बीच समझौता कराया। उसके बाद याची ने कभी गुरू से संपर्क नहीं किया और न ही नरेंद्र गिरि ने फोन किया। मौत से पहले छह महीने तक याची का किसी प्रकार से कोई संबंध नहीं था।

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