महंत नरेन्द्र गिरी के आत्महत्या के मामले में जेल में बंद उनके शिष्य आनंद गिरी को नैनी जेल से हटाकर चित्रकूट जेल भेज दिया गया है। गत दिनों उन्होंने अपनी जान का खतरा बताया था।
अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की खुदकुशी के मामले के आरोपी आनंद गिरि की जेल शुक्रवार को बदल दी गई। उन्हें चित्रकूट जेल में स्थानांतरित किया गया है। जेल प्रशासन इसे प्रशासनिक आधार पर हुई कार्रवाई बता रहा है। हालांकि कार्रवाई को तीन दिन पहले हुई घटना से भी जोड़कर देखा जा रहा है। आनंद गिरि नैनी जेल में पिछले नौ महीनों से निरुद्ध थे। शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा में उन्हें चित्रकूट जेल के लिए रवाना किया गया। उन्हें वज्र वाहन में सशस्त्र पुलिसकर्मियों के साथ रवाना किया गया। आनन्द गिरि को चित्रकूट भेजने की कार्यवाही बेहद गोपनीय रही।
बता दें कि 16 अगस्त को आनंद गिरि ने जेल में खुद से गाली-गलौज, मारपीट व धमकी देने का आरोप लगाया था। अपने अधिवक्ता के माध्यम से उन्होंने पत्र भेजकर प्रमुख सचिव गृह, जिला न्यायाधीश व अन्य अफसरों से शिकायत की थी।
पत्र में अधिवक्ता ने आरोप लगाया था कि मुलाकात के लिए जाने पर जेलर आरके सिंह ने उंगलियों के इशारे से आनंद गिरि को बुलाया और गालियां देते हुए जेल में ही हत्या कराने की धमकी दी। मारने के लिए भी झपटे और बीचबचाव पर उनसे अभद्रता की।