एका करने की कोशिश शुरू, पद की लोलुपता बन रही रोड़ा
हरिद्वार। दो फाड़ होने के बाद भी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की रार कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि दो फाड़ होने पर हुई रार के बाद नयी रार अभी सार्वजनिक रूप से बाहर नहीं आई है, किन्तु अंदरखाने उठापटक जारी है।
सूत्र बताते हैं कि दो फाड़ हुई अखाड़ा परिषद को एक करने के लिए जुगत बैठायी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि जुगत वह लोग बैठा रहे हैं, जिनके कारण पद की लोलुपता के चलते परिषद के दो फाड़ हुए। इनमें परिषद के ऐसे लोग शामिल हैं जो हर कीमत पर पदाधिकारी बने रहना चाहते हैं। उनके लिए अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी कौन हों, इससे उन्हें कोई वास्ता नहीं है। इनका मकसद केवल इतना मात्र है कि उनका पद बरकरार रहना चाहिए। जो की वर्तमान हालातों में संभव नजर नहीं आता। यदि दोनों अखाड़ा परिषदों के लोग मान भी जाएं तो बैरागी अखाड़े इस पर किसी भी कीमत पर राजी नहीं होंगे। जिस प्रकार से परिषद के एक गुट विशेष से विशेष लोगों को पद की लालसा है ठीक उसी प्रकार से बैरागी अखाड़े भी एक होने पर एक पद अवश्य चाहेंगे। इस कारण से दोनों का एक होना नामुमकिन दिखायी दे रहा है। एक सूरत में दोनांे धड़े फिर से एक हो सकते हैं, जबकिं कुछ अपने पद का लोभ त्याग दें। जो कि संभव दिखायी नहीं देता। कारण की अखाड़ा परिषद के दो फाड़ होने की असली वजह भी पद की लोलुपता ही रही। वहीं पद मिलने की सूरत मेें ऐसे लोग तत्काल पाला भी बदलने को तैयार हैं।

अखाड़ा परिषदः अंदरखाने चल रहीं उठापटक


