नरेन्द्र गिरि पर लगाए आरोपों का खण्डन व माफी की मांग
हरिद्वार। गुरु चेले की लडत्राई में अब अधिवक्ता भी कूद पड़े हैं। मामला कोर्ट तक पहुंचने की कगार पर पहुंच चुका है। अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि के शिष्य आनन्द गिरि को कानूनी नोटिस जारी किया है।
अरूण भदौरिया ने जारी नोटिस में कहा है कि नरेन्द्र गिरी महाराज ने सन् 2021 में हरिद्वार में कुम्भ, नासिक, उज्जैन व प्रयागराज तीर्थ स्थानों में किसी भी प्रकार से बिना किसी टकराव के शान्तिपूर्ण ढंग से कुम्भ मेले सम्पन्न कराये। इसके साथ ही नरेन्द्र गिरी द्वारा गरीब कन्याओं का विवाह कराना, गरीब व असहाय लोगों को प्रतिदिन भण्डारा कराकर भोजन की व्यवस्था कराना व हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार कराना आदि धार्मिक कार्य करते व कराते रहे हैं। जिस कारण नरेन्द्र गिरी की ख्याति भारत देश के साथ-साथ विदेशों मे भी है। इसी कारण लोगों की धार्मिक भावना नरेन्द्र गिरी से जुड़ी हुई हैं।
नोटिस में कहाकि आनन्द गिरि ने सन्यास परम्परा के विरूध जाकर सन्यास से पूर्व अपने परिवार वालों से सम्पर्क बनाये रखा और साथ ही प्रयागराज में स्थित लेटे हनुमान जी गद्दी से धन व अन्य सुविधाओं भी अपने परिवार वालों को पहुंचायी। इन बातों की व सन्यास परम्परा के विरूद्ध कार्य करने की जानकारी हो जाने पर इन सभी तथ्यों की जांच कराकर पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा से नियमानुसार बहिष्कृत कर दिया है। जिस कारण नरेन्द्र गिरी के विरूद्ध झुठे, मनगढंत षडयन्त्र के तहत आरोप लगाकर बयान समाचार पत्रों में व सोशल मिडिया में देकर नरेन्द्र गिरी के साथ जूडी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुचायी है। इस कृत्य के लिए आनन्द गिरि पूर्ण रूप से जिम्मेवार हंै।
नोटिस में कहाकि नोटिस प्रांिप्त के एक सप्ताह के भीतर भीतर अपने झुठे, मनगढंत षडयन्त्र के तहत नरेन्द्र गिरी के विरूद्ध समाचार पत्रों मंे व सोशल मिडिया में देने पर उनका खण्डन कराया जाए नरेन्द्र गिरी से क्षमा याचना की जाए। इसी के साथ भविष्य में पुनरावृत्ति न होने की बावत लिखित में भी दें। नोटिस में कहाकि यदि नोटिस के अनुपालन मे कार्यवाही नहीं कि गयी तो सक्षम न्यायालय में सक्षम वाद फौजदारी व सिविल दायर किया जाएगा।

अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने आनन्द गिरि को भेजा कानूनी नोटिस


