हरिद्वार। तीर्थनगरी को गंगा और संतों की नगरी कहा जाता है। जहां त्रिपदगामिनी के साथ अध्यात्म की गंगा भी साथ-साथ बहती है। किन्तु इसी गंगा के साथ अधर्म की नदी भी प्रवाहित हो रही है, जो न केवल तीर्थनगरी की गरिमा को तार-तार कर रही है बल्कि आस्था पर भी कुठाराघात है। अधर्म की इस नदी को धारा देने वाले चंद लोग ही हैं। सूत्र बताते हैं कि तीर्थनगरी में एक मठ ऐसा भी है जहां नारी शक्ति के अपमान का कार्य किया जा रहा है। जहां से लड़कियो ंकी सप्लाई की जाती है। और से लडकियां नेताओं और बड़े लोगों के लिए उपलब्ध करायी जाती हैं। जिसकी एवज्ं अपने कुकर्मों पर पर्दा डालने के साथ अपने काम निकलवाने का कार्य किया जाता है। तीर्थनगरी में हो रहे इस अधर्म की जांच भी हो चुकी है। बावजूद इसके भगवाधार अधर्मी के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
सूत्र बताते हैं कि बड़ी जांच एजेंसियों को इस कृत्य की भनक लगने के बाद उन्होंने जांच की और जांच में यह सही पाया गया। किन्तु जांच की भनक लगते ही भगवाधारी से अधिक नेता सक्रिय हो गए। जिन्होंने दवाब बनाया और जांच को रूकवा दिया। इस कार्य में नेता के साथ एक संगठन विशेष के व्यक्ति भी संलिप्त बताए जा रहे हैं। जिन्होंने जांच रोकने के लिए दवाब डाला। इन लोगों की मेहनत रंग लायी और जांच को दबा दिया गया, किन्तु जब तक दबाव डाला गया तब तक जांच हो चुकी थी। ऐसे नेताओं और भगवाधारियों का पूरा पुलिंदा जांच एजेंसियों के पास मौजूद है। सूत्रों की माने तो इस मामले में कार्यवाही होना निश्चित है। केवल जांच चुनाव नजदीक होने के कारण ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है। एक बड़ी बात और यदि चुनावों में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो जाता है तो ऐसे कुकर्मियों का जेल जाना तय है। यदि सत्ता परिवर्तन नहीं होता है तब भी इनके लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा होना तय है। कारण ही लम्बे अर्से से इनकी कारगुजारियांे पर एजंसियों की नजर रही है और इनके कारनामों से वे भलीभांति परिचित हो चुके हैं।