हरिद्वार। 14 अप्रैल को कुंभ का मुख्य शाही स्नान है। ज्योतिषियांें के अनुसार आज देर रात को सूर्य मेष राशि मंे आ जाएंगे जबकि बृहस्पति पहले से ही कुम्भ राशि में हैं। हरिद्वार में कुम्भ का योग तब बनता है जब सूर्य मेष राशि में और बृहस्पति कुंभ राशि मंे हो। यह योग 13-14 अप्रैल की रात में बन रहा है। यह ग्रह योग पूरे एक महीने 14 मई तक रहेगा। यानी पूरे एक माह तक है कुंभ स्नान का योग। ज्योतिषाचार्य डॉक्टर प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि 14 अप्रैल से 14 मई तक पूरे एक माह कुंभ स्नान का योग है और एक पूरे महीने देवता भी धरती पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए आते है। वह बताते हैं जिस प्रकार से अखाड़ों के स्नान का क्रम निर्धारित होता है, ठीक उसी प्रकार से देवताओं का भी अपनी तिथि के अनुसार कुंभ में स्नान क्रम है। प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार 14 अप्रैल से कुंभ स्नान प्रारंभ हो रहा हे। 14 अप्रैल को माह की द्वितीय तिथि है। इस दिन ब्रह्मा देव अमृत की होरा में स्नान करेंगे। जो लोग इस दिन स्नान करेंगे उन्हें अमृत तत्व की प्राप्ति इस दिन होगी। 15 अप्रैल को गौरी देवी का दिन है। इस दिन स्नान करने से शक्ति प्राप्ति होती हंै। इस दिन गौरी मां अपनी सखियों सहित स्नान करेगी। 16 अप्रैल को भगवान गणपति अपने गणों सहित स्नान करेंगे। इस दिन समस्त दुखों से निवृति के लिए स्नान होगा। 17 अप्रैल को पंचमी का स्नान होगा जो की भगवान सूर्य देव अपनी पत्नियों सहित स्नान करेंगे। इस दिन स्नान करने से समस्त रोगों का शमन होगा। 18 अप्रैल को भगवान कार्तिकेय अपनी पत्नि श्रष्ठी देवी के साथ स्नान करेंगे। संतान प्राप्ति चाहने वाले इस दिन स्नान करें।
19 अप्रैल भगवान भास्कर स्नान करेंगे ये स्नान रोग निवृति के लिए होगा। 20 अप्रैल को भगवान शंकर अपने गणों सहित स्नान करंेगे। समस्त मनोकामना की पूर्ति के श्रद्धालु गंगा स्नान करें। 21 अप्रैल को दुर्गा देवी 64 योगनियांे के साथ स्नान करेगी। तंत्र विद्या की प्राप्ति के लिए ये स्नान शुभ होगा। 22 अप्रैल को यम, शनि, भैरव, स्नान करेगे। अकाल मृत्यु से हरने के लिए ये स्नान होगा। 23 अप्रैल को विश्वदेव स्नान करेंगे। इस दिन स्नान करने से पितृ ऋण का निवारण होगा। 24 अप्रैल को भगवान हरी स्नान करेंगे। इस दिन गंगा स्नान करने से धन प्राप्ति का उत्तम योग बनता है। 25 अप्रैल को कामदेव सहित रति भी स्नान के लिए ब्रह्म कुण्ड मंें आयेंगे। प्रेम प्राप्ति की लिए ये स्नान होगा। 26 अप्रैल को महा मृत्युंजय देवता स्नान करेंगे। 27 अप्रैल को भगवान चंद्र देव अपनी 27 पत्नी योगिनी के साथ स्नान करेंगे। 28 अप्रैल को इंद्र देवता अपनी पत्नी शचि सहित स्नान करेंगे। 29 को मित्र देवता और 30अप्रैल को इंद्र पुत्र जयंत स्नान के लिए आयेंगे। 1मई को समस्त राक्षस गण स्नान के लिए आयेंगे। इस दिन हर तरह के भय से मुक्ति मिलेगी। 2 मई को वरुण देवता और 3 मई को हनुमान जी अपने गुरु के साथ स्नान करेंगे। 4 मई को भगवान विष्णु शेषनाग सहित स्नान करंेगे और 5 मई को 8 वसु स्नान करेंगे। 6 मई को सप्त समुद्र स्नान के लिए आयेंगे। 7 मई को अजेकपाद हरिद्वार में स्नान के लिए आयेंगे। 8 मई को अहिबुध श्यामदेव अपने शिष्यों सहित स्नान करेगे। 9 मई को पूषा देवता भृगु ऋषि के साथ स्नान करेंगे। 10 मई को अश्विनी कुमार गौतम ऋषि सहित स्नान करेंगे। 11 मई को दिव्य पितरों सहित ऋषि भारद्वाज स्नान करेंगे।
12 मई को अग्नि देवता अत्री ऋषि सहित, 13 मई को नवग्रह मंडल स्नान करेगा और 14 मई को भगवान परशुराम देव गुरु बृहस्पति सहित सभी सिद्ध स्नान का आयेंगे।
डॉक्टर प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि 14 अप्रैल से 14 मई तक अमृत प्राप्ति का योग है यानी इस एक माह में यदि कोई व्यक्तिग रोजाना गंगा में स्नान करेगा तो उसके समस्त दुखों का, पापो का नाश हो जाएगा और उसे अमरत्व की प्राप्ति होगी। उनका कहना है कि इस तरह के दुर्लभ ग्रह योग किसी भी व्यक्ति के जीवनकाल में बहुत कम बनते है। इसलिए आप सभी 14 अप्रैल से 14 मई तक कभी भी स्नान करे देव कृपा प्राप्त होगी।

एक माह अलग-अलग देव ब्रह्म कुण्ड में आएंगे स्नान के लिए


