हरिद्वार। श्रीमद् भागवत कथा कलयुग में साक्षात श्रीहरि का रूप है। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। भक्त और भगवान की यह कथा मन का शुद्धीकरण करती है और जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है। उक्त उद्गार कथा व्यास गोवत्स राधा कृष्ण महाराज ने कनखल स्थित सूरत गिरी बंगले में अखिल भारतीय श्रीमाली दवे परिवार श्रीमाल नगर भीनमाल के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से संशय दूर होता है। शांति एवं मुक्ति मिलती है और पावन हृदय से इसका स्मरण मात्र करने पर करोड़ों पुण्य का फल प्राप्त होता है।
श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण को देवी देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ प्राणी को ही इस कथा के श्रवण का लाभ प्राप्त होता है। कथा के श्रवण मात्र से ही प्राणी का कल्याण संभव है। जहां अन्य युग में मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते थे। वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही व्यक्ति का उद्धार निश्चित है।
श्रीमाली ब्राह्मण समाज के कुल गौरव स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायिनी है। जिसके श्रवण से राजा परीक्षित को भी मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं और सोया हुआ ज्ञान और वैराग्य जागृत हो जाता है। इस अवसर पर कथा के यजमान शिवदयाल दवे, माधवदत्त दवे, मुकुंद दवे, अशोक कुमार दवे, नरेंद्र दवे, महेश कुमार दवे, किशोर कुमार दवे, बाबूलाल दवे, मनोहर लाल दवे आदि ने कथा में पधारे सभी संत महापुरुषों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया इस अवसर पर मोतीलाल ओझा, कांता देवी ओझा, ठाकुर प्रसाद श्रीमाली, उषा देवी श्रीमाली, गोपी किशन दवे, ललिता दवे, शांति देवी, भाई मोहन व्यास, शांता व्यास, सोहनलाल अवस्थी, इंदु बाला, सुशीला दवे, प्रभावती दवे, शंकर लाल, पन्ना लाल, मदन व्यास, मदनलाल दवे, मंजू देवी, मगदत्त व्यास, गीता देवी, पन्ना बाई, किशोर कुमार दवे, मधुसूदन दवे उपस्थित रहे।


