अतिक्रमण कर हुए निर्माण के सील होने की संभावना!
हरिद्वार। कथित फर्जी ट्रस्ट से पुनः आरम्भ हुआ मंशा देवी मंदिर का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक पक्ष मंदिर को अपनी संस्था की निजी सम्पत्ति बता रहा है तो वहीं दूसरी ओर दूसरे पक्ष इसको सिरे से नकार रहे हैं। जबकि वन विभाग स्पष्ट कर चुका है कि मंदिर की भूमि उसकी है और वह किसी व्यक्ति विशेष को नहीं दी गयी है।
सूत्र बताते हैं कि मंशा देवी मंदिर पर किए गए अतिक्रमण को लेकर की गयी शिकायत का संज्ञान लेते हुए एनजीटी के द्वारा गठित टीम दो दिन पूर्व मंशा देवी मंदिर पहुंची। टीम में राजाजी पार्क के प्रतिनिधि के रूप में वन अधिकारी, जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह, न्यायाधीश् अभय सिंह व प्रदूषण नियंत्राण बोर्ड के अधिकारी शामिल थे। सूत्र बताते हैं कि करीब 3 घंटे एनजीटी की टीम मंशा देवी पर रही और तमाम तरह की निरीक्षण के दौरान टीम का खामियां मिलीं। सूत्रों का कहना है कि मंशा देवी में मिली अनियमितताओं को लेकर दो-तीन दिन में बड़ी कार्यवाही की जा सकती है। सूत्र बताते हैं कि वन विभाग द्वारा मंदिर को अलाट की गयी 0.04 एकड भूमि के अतिरिक्त करीब 7 एकड़ भूमि पर किए गए अवैध निर्माण व कब्जे को सीज किया जा सकता है।
वहीं दूसरी ओर कथित फर्जी ट्रस्ट को लेकर उपजे विवाद के बाद सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह के यहां दोनों पक्षों की पूर्व में हुई बातचीत में एक पक्ष ने अपनी सम्पत्ति बताते हुए शीघ्र ही ट्रस्ट व सम्पत्ति से जुड़े कागजात प्रस्तुत करने की बात कही थी, किन्तु आज तक कागजात सिटी मजिस्ट्रेट के यहां प्रस्तुत नहीं किए गए। अब सिटी मजिस्ट्रेट ने कागजात प्रस्तुत करने के लिए दूसरे पक्ष को कुछ और समय दिया है। इस बीच सम्पत्ति और ट्रस्ट से जुड़े कागजात प्रस्तुत करने होंगे।


एनजीटी की ओर से गठित टीम ने किया मंशा देवी का निरीक्षण, शीघ्र होगी बड़ी कार्यवाही
