भगवान शंकराचार्य ने भारत को एकता के सूत्र में बांधाः ऋतु खण्डूरी

भगवान शंकराचार्य की शिक्षा को प्रचारित-प्रसारित करने का कार्य कर रहा बंगलाः विश्वेश्वरानंद
हरिद्वार।
आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्मारक समिति के तत्वाधान में जगद्गुरु भगवान आद्य शंकराचार्य की 1234वीं जयंती शंकराचार्य चौक पर श्री विग्रह पूजन एवं सूरत गिरि बंगला कनखल में श्रद्धांजलि सभा के साथ मनाई गई। आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज की अध्यक्षता में प्रातः काल शंकराचार्य चौक पर भगवान आद्य शंकराचार्य के श्रीविग्रह का पूजन षड्दर्शन साधु समाज के संतों ने किया। इसके पश्चात सूरत गिरी बंगला आश्रम कनखल में महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरनंद गिरि महाराज की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भगवान शंकराचार्य को नमन करते हुए कहा कि शंकराचार्य भगवान ने भारत को धार्मिक सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया। राष्ट्र में सदियों पहले सनातन हिंदू धर्म की रक्षा कर वैदिक धर्म के उन्नयन का कार्य किया। देश की चारों दिशाओं में शंकराचार्य पीठ स्थापित कर देश की अखंडता को विधर्मियांे के हाथों खंडित होने से बचाया।

इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने कहाकि भगवान आद्य शंकराचार्य ने अल्प आयु में ही सनातन हिंदू धर्म का पुनरुद्धार कर हिंदू धर्म की रक्षा की जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम में चार पीठ स्थापित कर उन पीठांे पर विपरीत दिशाओं के पुजारी बैठाकर भारत को धार्मिक एकता के सूत्र में बांधा।
आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर विश्वेश्वरनंद गिरि महाराज ने कहाकि आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति और सूरत गिरि बंगला भगवान शंकराचार्य के आदर्शों पर चलकर तीर्थ नगरी हरिद्वार में आद्य शंकराचार्य भगवान की स्मृतियों को संजोए रखने का कार्य कर रहा है। यह आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है जिसका उद्देश्य भाष्यकार जगद्गुरु भगवान आद्य शंकराचार्य कि शिक्षा को प्रचारित, प्रसारित और संरक्षित करना है। आदि शंकराचार्य स्मारक समिति के महामंत्री श्री महंत देवानंद सरस्वती के संयोजन में आयोजित जन्म जयंती समारोह में आए हुए संतों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर गिरधर गिरि महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि ,महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि , महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद, महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती, बड़ा अखाड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास, स्वामी हरि बल्लभ दास शास्त्री, महंत बाबा कमल दास, महंत विष्णु दास, स्वामी कमलानंद, महंत गंगा दास उदासीन, स्वामी विश्वस्वरूपानंद, बंगले के कोठारी स्वामी उमानंद, स्वमी कमलानंद, स्वामी कृष्णानंद गिरि, स्वामी विवेकानंद सरस्वती, साध्वी भूमा भारती, साध्वी माधवानंद, महंत शिवशंकर गिरि, विश्व हिंदू परिषद के अशोक तिवारी, मयंक चौहान,

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