हरिद्वार। खुशी और स्वस्थ मन द्वारा आपकी मेहनत और परिश्रम ही आपको कामयाब चिकित्सक बनाकर समाज में आपकी नई पहचान बनाएगी। ह्यूमेनिटीज के साथ हम्बल बनिये, दुनिया जानती है कि नुक्लेअर वेपन से सेफ रहेंगे, लेकिन ये भ्रम है। हम लोगो की अच्छी दुआओं और ब्लेसिंग में ही कामयाब और सुरक्षित रह सकते हैं। यह उद्गार अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद विशेषज्ञ एवं नवजीवनम आयुर्वेद संस्थान के प्रमुख चिकित्सक डॉ. डीके श्रीवास्तव ने आज ऋषिकुल आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर हरिद्वार में आयुष मंत्रालय के एनसीआईएस एमके गाइडेन्स में ट्रांजिशनल क्योरिकलेम फॉर बीएएमएस स्टूडेंट्स के लिए आयोजित कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अगर आपको आगे बढ़ना है तो आपको तप करना पड़ेगा, सूरज की तरह आज से ही अपने आप मंे एक आग लगानी पड़ेगी। एक बर्निंग डिजायर ही आपको मनवांछित मंजिल पर पहंुचायेगी। आज विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार के साथ मिलकर आयुर्वेद को विश्व पटल पर नए गति को प्रारंभ कर दिया गया है। यह पल अपने देश और आयुर्वेद के लिए स्वर्णिम अक्छरो में लिखा जाएगा।
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि वक्त ने आपको साढ़े पांच वर्षों का समय दिया है, ये आपसे कोई नहीं ले सकता। आपको इन्हीं साढ़े पांच वर्षों में अपने किस्मत की आधार एवं इबारत लिखनी है। एकःएक पल अनुशासित और समयबद्ध तरीके से जी लीजिए तो कामयाबी आपकी कदम चूमेगी। आज सभी क्रिटिसिसम से दुखी हैं, इसलिये आप अपने स्वभाव से केवल परिसीएसिन करने से ही आपकी खुशियों मंें इजाफा करेगा। कार्यक्रम के मुख्य कन्वेनर प्रोफे. डॉ. नरेश चौधरी ने कहा कि इस मोटिवेशनल प्रोग्राम से छात्रों में नये ऊर्जा का संचार हुआ है जिससे इनके चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई में लालसा जागृत हुई है। केंद्र सरकार के दिशा निर्देश में चलने वाले कार्यक्रम से छात्र काफी लाभान्वित हैं। डॉ. चौधरी ने कहा कि आप कभी पैसे के पीछे मत भागिये आपमंे जितनी क्षमता नया करने की है उसे नया मुकाम देकर दूसरांे के सहयोगी बनिये और सदैव सकारात्मक बने। अपने जीवन को समाज देश मंे नए ऊर्जा के साथ समर्पित हो। कार्यक्रम में पूर्व निदेशक डॉ. डीके चमोली ने भी व्याख्यान देकर ऋषिकुल के गौरव पूर्ण सौ वर्षों की यात्रा और योगदान को छात्रों को बताया।


आगे बढ़ना है तो सूरज की भांति तपोः डा. श्रीवास्तव
