उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खानपुर से निर्दलीय विधायक चुने गए उमेश कुमार के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने उमेश कुमार को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।
मामले के मुताबिक, लक्सर निवासी वीरेंद्र कुमार ने खानपुर के विधायक उमेश कुमार के नामांकन में दिए गए शपथ पत्र में कई तथ्य छिपाने का आरोप लगाया है। याचिका में उमेश कुमार के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन 29 आपराधिक मामलों की सूची देते हुए कहा है कि उमेश कुमार ने केवल 16 मामलों की सूची ही शपथ पत्र के साथ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश की है। जबकि मुख्य अपराधों को छिपाया गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके द्वारा वोटरों को प्रभावित करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर रुपये बांटे गए। इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाए। बता दें कि उमेश कुमार हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं।

एक अन्य मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलौर सीट से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के चुनाव को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद विधायक सरवत करीम अंसारी सहित हारे हुए प्रत्याशी दिनेश सिंह पंवार, नवनीत कुमार, काजी मोहम्मद मोनिस, सरत पांडे, वीरेंद्र सिंह, अनिक अमहद, उबेदुर रहमान, राजवीर सिंह, सतीश कुमार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 7 जून को होगी।
मामले के मुताबिक मंगलौर से कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि वर्तमान विधायक सरवत करीम अंसारी द्वारा विधानसभा 2022 के चुनाव में नामांकन के दौरान जो शपथ पत्र पेश किया गया, उसमें उन्होंने कई तथ्य छिपाने के साथ ही अपनी संपत्तियों का सही ब्यौरा पेश नहीं किया। उन्होंने शपथ पत्र में अपनी व अपनी पत्नी की आय गलत पेश की। इनकम टैक्स का सही विवरण नहीं दिया है। शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी गलत पेश किए हैं। इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाए।


