धार्मिक भावनाओं का आहत करने वाला कृत्य बर्दाश्त नहींः रविन्द्र पुरी

मंदिर तोड़े जाने की अखाड़ा परिषद ने की निंदा
हरिद्वार।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज की अध्यक्षता में रविवार को परिषद के संतों की बैठक आयोजित हुई, जिसमें राजस्थान में 300 वर्ष पुराने हनुमान मंदिर को तोड़े जाने की कड़े शब्दों में निंदा की गयी।
इस अवसर पर बैठक को सॅबोधित करते हुए श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहाकि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि जिस मंदिर को ढहाया गया वह अतिक्रमण नहीं था। वह मंदिर 300 वर्ष पुराना था। उन्होंने कहाकि हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले किसी भी कृत्य को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने उसी स्थान पर मंदिर का पुनः निर्माण कराए जाने की सरकार से मांग की।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेन्द्र दास महाराज ने कहाकि हनुमान जी सप्त चिरंजीवियों में से एक हैं। हुनमान मंदिर को तोड़ने का दंड अवश्य दोषियों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहाकि यह हनुमान जी का ही चमत्कार है कि मंदिर को तोड़ने के आदेश देने वाले अधिकारी को इसका परिणात तत्काल भुगतना पड़ा। दोषी अधिकारी रिश्वत के आरोप में पकड़ा गया।
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहाकि भारत और यहां के संत सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय की कामना करते हैं। फिर भी हिन्दुओं की भावना को क्यों आहत किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि कोई भी सरकार हिन्दुओं को कमजोर ना समझे और हिन्दुओं की भावना से खिलवाड़ ना करे। बाबा हठयोगी व कोठरी जसविंदर सिंह ने हिन्दुओं को अपमानित करने वाले इस कृत्य के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने की बात कही। बैठक में श्रीमहंत धर्मदास महाराज, श्री मंहत दामोदर दास महाराज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए इस कृत्य की निंदा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *