हरिद्वार। भारतीय प्राच विद्या सोसाइटी कनखल के संस्थापक ज्यातिषार्चा पं. प्रतीक मिश्र पुरी ने कहाकि हनुमान जी का जन्मोत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है। एक धन तेरस के दिन और दूसरा चैत्र पूर्णिमा के दिन, जो की इस बार 16 अप्रैल को मनाया जाएगा। धनतेरस वाला जन्मोत्सव उत्तर भारतीय लोग मानते हैं, परंतु चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को सभी लोग हनुमान जी का जन्मोत्सव मानते हैं। कहा जाता है कि हनुमान जी की कुंडली में सात ग्रह अपनी उच्च राशि में थे। मकर लगन मंे मंगल, दशम में उच्च के शनि, सप्तम में उच्च राशि में गुरु, चतुर्थ में सूर्य उच्च राशि में, मीन में उच्च राशि के शुक्र, राहु छठे भाव में उच्च राशि के थे और चंद्रमा तुला के दशम भाव में थे। ये स्थिति केवल चैत्र पूर्णिमा को ही संभव हेै। उन्होंने बताया कि लाखों वर्ष पहले ये योग बना होगा। हनुमान जी कलयुग में भी हैं और सप्त चिरंजिवियांे में से एक हैं, इसीलिए उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है, जयंती नहीं। इस बार हनुमान जी का जन्मोत्सव 16 अप्रैल शनिवार को होगा। इस दिन 100 पाठ हनुमान चालीसा के जो व्यक्ति करता है उसे मन वांछित फल प्राप्त होता है। इस दिन षोडोपचार से हनुमान जी की पूजा होती हैं। उन्होंने बताया कि उपनगरी कनखल कें मुकदमा जिताओ हनुमान मंदिर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी हनुमान जन्मोत्सव मनाया जायेगा। जिसमें पूरा कनखल शहर ही भाग लेगा।

हनुमान जी जीवित हैं, इसलिए जयंती नहीं जन्मोत्सव मनाएंः मिश्रपुरी


